देश की खबरें | 12वीं कक्षा के प्राइवेट व पत्राचार छात्र औपबंधिक दाखिले के लिए कर सकते हैं आवेदन: न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और दूसरे कंपार्टमेंट के छात्र औपबंधिक आधार पर उच्च अध्ययन के लिए दाखिले की खातिर आवेदन कर सकते हैं लेकिन उन्हें परिणाम घोषित होने के सप्ताह के अंदर संबंधित संस्थानों के समक्ष पेश करने होंगे।
नयी दिल्ली, छह सितंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और दूसरे कंपार्टमेंट के छात्र औपबंधिक आधार पर उच्च अध्ययन के लिए दाखिले की खातिर आवेदन कर सकते हैं लेकिन उन्हें परिणाम घोषित होने के सप्ताह के अंदर संबंधित संस्थानों के समक्ष पेश करने होंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से पेश वकील ने न्यायालय को बताया कि 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और दूसरे कंपार्टमेंट के छात्रों के परीक्षा परिणाम 30 सितंबर तक घोषित किए जाएंगे।
दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग की वेबसाइट के अनुसार, पत्राचार छात्र वे हैं जो पत्राचार विद्यालय में पंजीकृत हैं जहां समाज के कमजोर तबकों या बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वालों को अध्ययन सामग्री मुहैया करायी जाती है।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गौर किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की ओर से पेश वकीलों ने उसके समक्ष कहा है कि ऐसे छात्र औपबंधिक आधार पर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘दूसरे शब्दों में, याचिकाकर्ता औपबंधिक आधार पर उच्च अध्ययन करने के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रमों में आवेदन कर सकता है... यह हलफनामा दे सकता है कि सीबीएसई द्वारा परीक्षा परिणाम जारी किए जाने के एक सप्ताह के भीतर संबंधित कॉलेज / संस्थान को प्रस्तुत किए जाएंगे।"
न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शिकायत की गयी थी कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और दूसरे कंपार्टमेंट के छात्रों के परीक्षा परिणामों की घोषणा में देरी हो सकती है तथा ऐसे छात्र उच्च अध्ययन के लिए प्रवेश से वंचित रह सकते हैं।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा के करीब एक लाख ऐसे छात्रों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं, जबकि नियमित छात्रों के परीक्षा परिणाम पहले ही घोषित किया जा चुके हैं।
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