देश की खबरें | ‘‘प्रधानमंत्री चाहते हैं, कर्नाटक में किसानों के बच्चों की छात्रवृत्ति योजना सफलतापूर्वक लागू हो’’
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार से किसानों के बच्चों के लिए हाल ही में शुरू की गई राज्य शिक्षा छात्रवृत्ति योजना को सफलतापूर्वक लागू करने को कहा है ताकि इसे देश के बाकी हिस्सों में भी लागू किया जा सके।
नयी दिल्ली, 11 नवंबर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार से किसानों के बच्चों के लिए हाल ही में शुरू की गई राज्य शिक्षा छात्रवृत्ति योजना को सफलतापूर्वक लागू करने को कहा है ताकि इसे देश के बाकी हिस्सों में भी लागू किया जा सके।
यहां प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले बोम्मई ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने सरकारी निविदाओं की जांच के लिए एक पैनल गठित करने, बेघर लोगों के लिए एक भूखंड देने के साथ-साथ नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार के कदम की भी सराहना की।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक सकारात्मक रही। मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पिछले 100 दिनों में विशेष रूप से प्रशासनिक कदमों से संबंधित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।''
बोम्मई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले 100 दिनों में उठाए गए कदमों, विशेष रूप से किसानों के बच्चों को शिक्षा छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना की ''सराहना'' की।
उन्होंने कहा, ''उन्होंने (मोदी ने) राज्य से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कहा क्योंकि इससे अन्य राज्यों में इसे लागू करने में मदद मिलेगी।''
राज्य सरकार सितंबर में किसानों के बच्चों के लिए कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ-साथ उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना लेकर आई थी।
इसके अलावा, बोम्मई ने कहा कि मोदी ने सार्वजनिक निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की और कहा कि इसे सरकार के प्रत्येक विभाग में लागू किया जाना चाहिए।
उनके मुताबिक, राज्य में नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा करते हुए, मोदी ने कहा कि नयी नीति के बारे में शिक्षकों और छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।
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