अगरतला, एक अप्रैल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 समझौतों पर हस्ताक्षर कर पूर्वोत्तर में विकास और शांति स्थापित करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि इन 12 समझौतों में, 2019 में गैरकानूनी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ शांति समझौता, 2019 का ही बोडो समझौता और ब्रू समझौता तथा असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवाद को हल करना शामिल है।
साहा ने गोमती जिले के कारबुक में एक चुनावी रैली के दौरान कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का मानना है कि अगर पूर्वोत्तर का विकास नहीं हुआ तो देश समृद्ध नहीं होगा। चूंकि शांति विकास की पूर्व शर्त है, इसलिए मोदी सरकार ने विभिन्न संगठनों के साथ 12 समझौते करके क्षेत्र में शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत की है। आज शांति कायम है। आज न केवल त्रिपुरा में बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति है।’’
साहा ने कहा कि ब्रू समझौते ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की 23 साल पुरानी समस्या का समाधान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रू लोग राहत शिविरों में दयनीय जीवन जी रहे थे लेकिन कोई भी सरकार समाधान नहीं दे सकी... यह मोदी सरकार थी जिसने 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर करके समस्या को समाप्त कर दिया। अब वे त्रिपुरा में 12 स्थानों पर बसे हुए हैं और केंद्र ने उनके पुनर्वास के लिए 600 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं।”
उन्होंने दावा किया कि ‘एक्ट ईस्ट नीति’ से क्षेत्र में तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन उपायों से पूर्वोत्तर में विकास होने के साथ राज्यों में शांति स्थापित हुई।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने चुनाव से पहले टिपरा मोथा के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। टिपरा मोथा को एहसास हुआ कि केवल मोदी जी ही समस्याओं का समाधान दे सकते हैं, इसलिए वह भाजपा सरकार में शामिल हो गई है। अब त्रिपुरा में विपक्ष का मतलब केवल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी (माकपा) और कांग्रेस के बीच अपवित्र गठबंधन है।’’
मुख्यमंत्री ने मतदाताओं से कृति देवी देबबर्मन को वोट देने का आग्रह किया जो त्रिपुरा पूर्व लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं।
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