राजस्थान: CM अशोक गहलोत ने किया दावा, कहा- राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का 'दाम' बढ़ा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का 'दाम' बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने वाली बीजेपी को जनता माफ नहीं करेगी.
जयपुर, 31 जुलाई: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का 'दाम' बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने वाली भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी. गहलोत ने कहा कि बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) डर और मजबूरी में बयान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में शक्ति परीक्षण होगा.
गहलोत ने यहां उस होटल के बाहर संवाददाताओं से बातचीत की, जहां कांग्रेस (Congress) और उसके समर्थक विधायक रुके हुए हैं. गहलोत ने कहा, "कल रात, जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख की घोषणा हुई है, राजस्थान (Rajasthan) में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का 'दाम' बढ़ गया है. इससे पहले पहली किस्त 10 (करोड़ रुपये) और दूसरी किस्त 15 (करोड़ रुपये) की थी. अब पूछा जा रहा है कि आप बताओ, क्या चाहिए आपको?" उन्होंने कहा, "खरीद-फरोख्त का दाम बढ़ चुका है. राजस्थान में मुंहमांगा दाम है."
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार की ओर से चौथी बार भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विधानसभा का पांचवां सत्र 14 अगस्त से बुलाने को मंजूरी दे दी. इससे सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन के बीच कई दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हो गया.
गहलोत ने कहा, "मुझे खुशी है कि राज्यपाल ने कल मेरी बात को माना." उन्होंने दावा कि सब लोग यह जानते हैं कि भाजपा ने उनकी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की. मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं आज फिर कहना चाहूंगा कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान पर हमला किया गया है. राजस्थान में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी और यहां हमारी एकजुटता है. हमारी सरकार पूरे पांच साल चलेगी. उनके तमाम षड्यंत्र विफल होंगे."
गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर 18 विधायक सचिन पायलट के साथ चले गए हैं, उनका जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उन विधायकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में आना चाहिए, लेकिन वे भाजपा की गोद में बैठे हैं. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से हमारे जो साथी गुड़गांव में बैठे हैं, वे आते नहीं है, जबकि सबको मालूम है कि राजस्थान में किस प्रकार का राजनीतिक माहौल बना हुआ है." मुख्यमंत्री ने कहा, "जिन्होंने कांग्रेस के चिह्न पर चुनाव जीता है, अगर उन्हें कोई नाराजगी है, तो वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में जाकर बात करते, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जाकर बात करते, परन्तु वे लोग इतने दिनों से अलग होकर बैठे हुए हैं. मैं चाहूंगा कि उन्हें बैठकों में आना चाहिए. अगर उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीता है, तो उनका पहला कर्तव्य है कि वे सरकार के साथ खड़े हों."
गहलोत ने कहा, "जो लोग गये हैं... मुझे पता नहीं, उनमें से किन-किन लोगों ने पहली किस्त ली है. हो सकता है कि कई लोगों ने किस्त नहीं ली हो. मैं चाहूंगा कि उन्हें वापस आना चाहिए." उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल बीजेपी का है और बीजेपी को जनता माफ नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा, "जनता ने नरेंद्र मोदी को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना है, लेकिन उन्होंने देश में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हैं." गहलोत ने कहा, "बीजेपी और अमित शाह को सरकार गिराने का इरादा छोड़ देना चाहिए. इससे देश में लोकतंत्र कमजोर ही होगा."
मुख्यमंत्री ने राज्य में बीएसपी के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कहा, "मेरा मानना है कि मायावती जो बयानबाजी कर रही हैं, वह बीजेपी के इशारे पर कर रही हैं. बीजेपी सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग कर रही है और सबको डरा-धमका रही है. मायावती भी डर रही हैं और वह मजबूरी में बयान दे रही हैं."
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