Criminal Laws: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को दी मंजूरी, अंग्रेजों के दौर के कानून खत्म
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा पिछले सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को सोमवार को स्वीकृति प्रदान कर दी. तीन नए कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे
नई दिल्ली, 25 दिसंबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने संसद द्वारा पिछले सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को सोमवार को स्वीकृति प्रदान कर दी. तीन नए कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे.
संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का जोर पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने पर नहीं, बल्कि न्याय मुहैया कराने पर है. यह भी पढ़े: Women’s Reservation: महिला आरक्षण विधेयक बना कानून, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी; लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए इतनी सीटें फिक्स
उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषित करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाना है. इनमें आतंकवाद की स्पष्ट परि दी गयी है, राजद्रोह को अपराध के रूप में खत्म कर दिया गया है और ‘‘राज्य के खिलाफ अपराध’’ शीर्षक से एक नया खंड जोड़ा गया है.