नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Union Government) ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 (Covid-19) के जोखिम के बारे में तथा मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार टीकाकरण (Vaccination) के लाभ और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी सूचित किया जाता है. केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि कोविड-19 के टीकों के बाद प्रतिकूल घटनाओं पर निगरानी के लिए जारी दिशानिर्देश में किसी संदिग्ध प्रतिकूल घटना की जानकारी देने की अनुमति दी गयी है भले ही टीका लगाये जाने के दिन और किसी तरह के लक्षण शुरू होने के बीच के दौरान अंतराल हो.
हलफनामे के अनुसार, ‘‘दो जुलाई, 2021 को जारी परामर्श और एसओपी के अनुसार जब कोई महिला बताती है कि वह गर्भवती है या स्तनपान कराती है तो टीका लगाने वाले उसे गर्भावस्था में कोविड-19 संक्रमण के जोखिम के बारे में तथा टीकाकरण के लाभों और उसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी बताते हैं.’’ इसमें कहा गया, ‘‘इस तरह कोविड-19 रोधी टीका लगवाने वाली सभी गर्भवती महिलाओं/स्तनपान कराने वाली माताओं को इसके संभावित दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाता है.’’ यह भी पढ़ें: Covid Cause to Penis Shrink: प्राइवेट पार्ट पर कोरोना का दीर्घकालिक दुष्प्रभाव, शख्स का दावा- संक्रमित होने के बाद पेनिस के आकार में आया बदलाव
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) की याचिका पर हलफनामा दाखिल किया है. आयोग ने केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अति-जोखिम वाली श्रेणी में रखा जाए जिन्हें कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाए.