तिरुवनंतपुरम, 18 सितंबर : केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (Kerala State Human Rights Commission) ने उस गर्भवती महिला को तीन सरकारी अस्पतालों द्वारा इलाज देने से इनकार करने की खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक मामला दर्ज किया है जिसके बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गयी थी. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पड़ोसी कोल्लम जिले के कल्लुआथुक्कल की रहने वाली आठ माह की गर्भवती मीरा असहज महसूस होने पर अपने गृह जिले में इलाज के लिए दो अस्पतालों में गयी थी और फिर उसके बाद यहां श्री अवित्तम तिरुनल अस्पताल भी गयी थी लेकिन प्राधिकारियों ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया.
मानवाधिकार आयोग ने यहां एक बयान में कहा कि उसे आखिरकार कोल्लम में सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया और उसका प्रसव कराया गया तो यह पता चला कि बच्चे की छह दिन पहले ही मौत हो गयी. यह भी पढ़ें : पंजाब के कई कांग्रेस विधायकों ने सोनिया को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग की
आयोग के सदस्य वी के बीना कुमारी ने कोल्लम जिला चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की जांच करने को कहा है और साथ ही यह जांच करने को भी कहा कि किन परिस्थितियों के तहत महिला को सरकारी अस्पताल में इलाज देने से इनकार कर दिया गया. बयान में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट तीन हफ्तों के भीतर सौंपनी होगी.