जरुरी जानकारी | बिजली खपत में छह महीने बाद सुधार, सितंबर में 5.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश में बिजली खपत सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत बढ़कर 113.54 अरब यूनिट पर पहुंच गई। इस साल मार्च से छह महीने के अंतराल के बाद बिजली खपत बढ़ी है। यह कोविड-19 महामारी के बीच सुस्त औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी आने का संकेत है।

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर देश में बिजली खपत सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत बढ़कर 113.54 अरब यूनिट पर पहुंच गई। इस साल मार्च से छह महीने के अंतराल के बाद बिजली खपत बढ़ी है। यह कोविड-19 महामारी के बीच सुस्त औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी आने का संकेत है।

कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ से आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर से बिजली खपत में मार्च से ही गिरावट जारी थी। सरकार ने 25 मार्च, 2020 को ‘लॉकडाउन’ लगाया था।

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बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सितंबर में बिजली खपत 107.51 अरब यूनिट थी। सालाना आधार पर बिजली खपत मार्च में 8.7 प्रतिशत, अप्रैल में 23.2 प्रतिशत, मई में 14.9 प्रतिशत, जून में 10.9 प्रतिशत, जुलाई में 3.7 प्रतिशत और अगस्त में 1.7 प्रतिशत कम रही थी।

इससे पहले फरवरी, 2020 में बिजली खपत में 11.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कोविड-19 महामारी से बिजली खपत में इस साल मार्च से लगातार छह महीने अगस्त 2020 तक गिरावट दर्ज की गयी।

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आंकड़े के अनुसार सरकार के 20 अप्रैल से आर्थिक गतिविधियों में धीरे धीरे छूट दिये जाने की शुरूआत के साथ बिजली खपत में सुधार आया।

विशेषज्ञों के अनुसार सरकार ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील देकर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दे रही है। अब इसका लाभ नजर आ रहा है। सितंबर महीने में बिजली खपत में सुधार के बाद आने वाले महीनों में इसमें रिकार्ड वृद्धि की उम्मीद है।

सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग भी पिछले साल के इसी महीने के स्तर से पार कर गयी। यह 1.8 प्रतिशत बढ़कर 1,76,560 मेगावाट रही जो सितंबर 2019 में 1,73,450 मेगावाट थी।

बिजली की अधिकतम मांग यानी आपूर्ति में इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी थी। मार्च में बिजली की अधिकतम मांग में वृद्धि केवल 0.8 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग में 24.9 प्रतिशत, मई में 8.9 प्रतिशत, जून में 9.6 प्रतिशत, जुलाई में 2.7 प्रतिशत और अगस्त में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आयी।

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