Politics On Rice: कर्नाटक में चावल को लेकर गरमाई राजनीति, कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा केंद्र सरकार पर ‘अन्न भाग्य’ योजना के जरिये ‘बीपीएल’ परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने के इसके (कांग्रेस पार्टी) के चुनावी वादे को पूरा करने में बाधा डालने का आरोप लगाये जाने से राज्य में राजनीति गरमा गई है.
बेंगलुरु, 18 जून: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा केंद्र सरकार पर ‘अन्न भाग्य’ योजना के जरिये ‘बीपीएल’ परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम चावल देने के इसके (कांग्रेस पार्टी) के चुनावी वादे को पूरा करने में बाधा डालने का आरोप लगाये जाने से राज्य में राजनीति गरमा गई है.
वहीं, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की नवगठित सरकार पर चुनावी वादे से मुकरने और भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया है.
सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक मुफ्त में चावल की मांग नहीं कर रहा है और राज्य इसे खरीदने के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार इस पर राजनीति कर रही है. हमने उसे (भारतीय खाद्य निगम को) नौ जून को पत्र लिखा था कि वे हमें 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल दें. उसने 12 जून को जवाब दिया कि वह इसकी आपूर्ति करेगा. हालांकि, 14 जून को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष ने हमें पत्र लिखकर कहा कि वे हमें चावल नहीं दे सकते हैं."
सिद्धरमैया ने सवाल किया, “यदि वे 12 जून को सहमत हुए थे कि उनके पास सात लाख मीट्रिक टन चावल है और बाद में इससे इनकार करते हैं कि उनके पास चावल नहीं है, तो हमें क्या निष्कर्ष निकालना चाहिए.” यह पूछे जाने पर कि उन्हें केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से बात क्यों नहीं करनी चाहिए, सिद्धरमैया ने कहा कि अगर एफसीआई के अधिकारियों ने उन्हें मंत्री से बात करने के लिए कहा होता तो वह ऐसा करते.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलेंगे, सिद्धरमैया ने कहा कि वह 21 जून को दिल्ली की यात्रा पर होंगे, जब मोदी शहर में नहीं होंगे और इसलिए मुलाकात नहीं होगी. हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री के विदेश यात्रा से लौटने के बाद उनसे मिलने की इच्छा जताई.
दूसरे राज्यों से सीधे चावल की खरीद के संबंध में, सिद्धरमैया ने कहा कि आंध्र प्रदेश ने कर्नाटक को चावल प्रदान करने को लेकर अब तक जवाब नहीं दिया है. इस संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से बात करने पर भी कोई नतीजा नहीं निकला.
सिद्धरमैया ने कहा, “हालांकि, छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि वह 1.5 लाख मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति करेगी. उसने कहा कि वह 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति नहीं कर सकती. वह जिस कीमत पर चावल दे रही है, वह भी थोड़ी अधिक है.” भाजपा नेताओं द्वारा कर्नाटक के किसानों से चावल खरीदने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल को केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह राज्य को चावल दें.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने चावल को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी जानबूझकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पहले ही (परिवार के प्रत्येक सदस्य को) पांच किलो चावल मुफ्त दे रही है."
उन्होंने कहा, “केंद्र अतिरिक्त चावल देने पर राजी नहीं हुआ था. यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार को पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल देने का वादा पूरा करने के लिए इसकी खरीद करनी चाहिए. लोग एक ग्राम भी कम अनाज नहीं लेंगे.” वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस पर चुनावी वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया और कहा कि वह चावल को लेकर बेकार के बहाने बना रही है.
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