तिरुवनंतपुरम, 15 जून : केरल सरकार (Kerala Government) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसे नहीं लगता कि राज्य की मस्जिदों में कोई सांप्रदायिक दुष्प्रचार किया जा रहा है. साथ ही उसने कन्नूर जिले की जामा मस्जिद को पुलिस द्वारा जारी नोटिस को ''अनुचित'' करार दिया, जिसमें मस्जिद को जुमे की नमाज के दौरान ''सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी'' उपदेश देने से बचने के लिये कहा गया था. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐसा कोई भी नोटिस ''पूरी तरह अनुचित और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के रुख के विपरीत है.''
सीएमओ ने कहा कि मय्यिल थाने के प्रभारी ने सरकारी नीति को समझे बिना गलत नोटिस जारी किया और राज्य के पुलिस प्रमुख ने इस घटना को लेकर उन्हें पद से हटा दिया है. विपक्ष द्वारा पुलिस के इस कदम का विरोध किये जाने के बाद सीएमओ की तरफ से यह बयान जारी किया गया है. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के उपाध्यक्ष वी. टी बलराम ने हाल में एक मंदिर में वरिष्ठ नेता पी. सी. जॉर्ज के कथित नफरती भाषण का जिक्र करते हुए सवाल पूछा था कि क्या एलडीएफ सरकार नफरत फैलने वालों पर लगाम लगाने के लिये मंदिर समितियों को भी नोटिस जारी करेगी. यह भी पढ़ें : ईडी ने 425 करोड़ के पीएमएलए मामला में 2 को किया गिरफ्तार
सीएमओ ने नोटिस के संबंध में सरकार के खिलाफ 'दुष्प्रचार'' किये जाने का दावा करते हुए अपने बयान में कहा कि ऐसे समय में जब निहित स्वार्थी लोग कथित तौर पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे है, विभिन्न धर्मों, धार्मिक संस्थानों और आम जनता के बीच मित्रता और शांति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि उसे नहीं लगता कि मस्जिदों में किसी तरह का सांप्रदायिक दुष्प्रचार किया जा रहा है.