श्रीनगर, 13 फरवरी पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि पिछले वर्ष दिसंबर में यहां के पारिमपोरा इलाके में कथित मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक अतहर मुश्ताक के परिजन से मिलने जाने से पहले उन्हें नजरबंद कर दिया गया है।
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘कथित मुठभेड़ में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने जाने से पहले नजरबंद कर दिया गया। बेटे का शव मांगने पर उसके पिता के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया। क्या भारत सरकार कश्मीर आने वाले यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल को ये सामान्य हालात दिखाना चाहती है।’’
इसके साथ ही मुफ्ती ने यहां के गुपकार इलाके में अपने आवास ‘फेयरव्यू’ पर अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ बातचीत का एक वीडियो भी पोस्ट किया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कश्मीर में दमन और आतंक के राज के इस कड़े सत्य को भारत सरकार देश से छुपाना चाहती है। 16 वर्षीय एक युवक को मारा जाता है और उसके बाद उसे आनन-फानन में दफना दिया जाता है और उसके परिवार को अंतिम संस्कार के अधिकार से वंचित किया जाता है।’’
मुफ्ती ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें वह सुरक्षा अधिकारियों से पूछती नजर आ रही हैं कि उन्हें पुलवामा जाने से रोका क्यों जा रहा है, इस पर वे कहते हैं, ‘‘सुरक्षा संबंधी दिक्कतें हैं।’’
उन्होंने अधिकारियों से कहा, ‘‘मुझे जाने क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या मैं कोई कैदी हूं या अपराधी हूं? मुझे वह आदेश ,वह धारा दिखाइए जिसके तहत मुझे हिरासत में लिया गया है।’’
उन्होंने दावा किया कि उनके आवास का गेट बंद कर दिया गया है और उन्हें घर से निकलने से रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल की आगामी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सुरक्षा बल जब यहां लोगों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं तो वे उन्हें कैसे सुरक्षा देंगे।
वीडियो में मुफ्ती कहती नजर आ रही हैं, ‘‘जब आप मुझे सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं, तो आप प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा कैसे देंगे?....मुझे बिना किसी सुरक्षा के वहां जाने दीजिए। आप मेरे घर के दरवाजे हमेशा बंद नहीं कर सकते।’’
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