देश की खबरें | पुलिस ने खनौरी बॉर्डर जा रहे किसानों को रोकने के लिए आंसूगैस के गोले दागे, एनएसए का आदेश वापस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. हरियाण-पंजाब सीमा पर शुक्रवार को खनौरी की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे तथा दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को फिर झड़प हुई।

हिसार/चंडीगढ़, 23 फरवरी हरियाण-पंजाब सीमा पर शुक्रवार को खनौरी की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे तथा दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को फिर झड़प हुई।

हरियाणा पुलिस ने यह भी कहा कि वह किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधानों को लागू करने के अपने फैसले को वापस ले रही है।

इस बीच, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि बुधवार को झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक पंजाब सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती।

गतिरोध के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण सिंह के परिवार के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की।

इस बीच, उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे’ किसानों के अधिकारों का केंद्र एवं कुछ राज्यों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है।

याचिका में दावा किया गया कि किसान संगठनों के प्रदर्शन के आह्वान के बाद केंद्र और कुछ राज्यों ने ‘धमकी’ दी है और राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं की किलाबंदी कर दी है।

संबंधित घटनाक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2024-25 के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए कुछ फसल ऋणों पर ब्याज एवं जुर्माने की माफी की घोषणा की।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

शुक्रवार को हरियाणा में हिसार के समीप खेरी चोपटा गांव से जब कुछ किसानों को खनौरी जाने से रोका गया तब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। खनौरी में किसान पिछले सप्ताह से डेरा डाले हुए हैं क्योंकि उनके मार्च को सुरक्षाबलों ने रोक रखा है। इन किसानों में ज्यादातर पंजाब से हैं।

खनौरी के पास आज पुलिसकर्मियों एवं किसानों के बीच झड़प हुई तथा हरियाणा के सुरक्षाकर्मी आंसूगैस के गोले दागने के लिए बाध्य हुए।

अधिकारियों ने बताया कि इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मी एवं किसान घायल हुए तथा कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन की हिसार इकाई के अध्यक्ष गोलू दाता ने आरोप लगाया कि आंसू गैस के गोले दागने के अलावा पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार की निंदा की।

दाता ने बताया कि अब किसान इस पुलिस कार्रवाई के विरोध में धरने पर बैठे हैं। इलाके में कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री मान ने पंजाबी में एक पोस्ट में कहा, ‘‘खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’

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