प्रधानमंत्री मोदी और शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका खारिज

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया था.

अमित शाह और पीएम मोदी (Photo: PTI)

नागपुर, 7 अगस्त : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया था. उच्च न्यायालय ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील राम खोबरागडे पर जुर्माना भी लगाया है. याचिका में अनुरोध किया गया था कि मोदी और शाह को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के तहत "भ्रष्ट आचरण" का दोषी करार दिया जाए और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श चुनावी आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.

न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है क्योंकि यह जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 80-81 के अलावा संविधान के अनुच्छेद 102 में दिए गए प्रावधानों की अनदेखी करते हुए दायर की गई थी. यह भी पढ़ें : e-RUPI क्या है और यह कैसे करता है काम, यहां जानें इसके बारे में सब कुछ डिटेल्स

अदालत ने कहा कि एक वकील होने के बावजूद याचिकाकर्ता ने अन्य कानूनी उपायों की मदद लेने के बजाय सीधे उच्च न्यायालय का रुख किया. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. उसे यह राशि उच्च न्यायालय की कानूनी सेवा समिति के पास जमा करानी होगी.

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