कर्नाटक में कोरोना वायरस के ‘गंभीर’ मरीजों के लिए प्लाज्मा पद्धति का परीक्षण शुरू
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने ट्वीट किया, ‘‘प्लाज्मा थेरैपी के लिए चिकत्सकीय परीक्षण की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जिससे गंभीर रूप से संक्रमित कोविड-19 मरीजों के इलाज का भरोसा है। स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु और मैंने आज सुबह विक्टोरिया अस्पताल में इस महत्वपूर्ण कदम की शुरुआत की।’’
बेंगलुरु, 25 अप्रैल कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ‘गंभीर’ रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा पद्धति का परीक्षण शनिवार से शुरू कर दिया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के. सुधाकर ने ट्वीट किया, ‘‘प्लाज्मा थेरैपी के लिए चिकत्सकीय परीक्षण की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जिससे गंभीर रूप से संक्रमित कोविड-19 मरीजों के इलाज का भरोसा है। स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु और मैंने आज सुबह विक्टोरिया अस्पताल में इस महत्वपूर्ण कदम की शुरुआत की।’’
बेंगलुरु में कोविड-19 के खिलाफ सरकार के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे और राज्य के नियंत्रण कक्ष के प्रभारी मंत्री ने कहा था कि प्लाज्मा पद्धति केवल उन मरीजों के लिए है जो गंभीर रूप से बीमार हैं, आईसीयू में हैं तथा वेंटीलेटर पर हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 से उबर चुके मरीजों से दानदाताओं के रूप में आगे आने की अपील की गई है क्योंकि स्वस्थ हो चुके मरीजों की एंटीबॉडीज का इस पद्धति के तहत गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा।
ताजा आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड-19 के पांच मरीज आईसीयू में हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्रीरामुलु ने उम्मीद जताई कि प्लाज्मा पद्धति वायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित होगी।
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