नयी दिल्ली, 15 जून मांग में लगातार सुधार के साथ भारत में एक साल पहले की तुलना में जून के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री 54 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं इस दौरान डीजल की खपत में 48 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
पिछले साल 2021 की समान अवधि में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता देश भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप था, जिसकी वजह से ईंधन की मांग में गिरावट आई थी।
सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोलियम कंपनियों ने एक से 14 जून के दौरान 12.8 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 54.2 प्रतिशत अधिक है।
उद्योग के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 की बिक्री का आंकड़ा जून, 2020 के पहले पखवाड़े में मांग की तुलना में 48.2 प्रतिशत अधिक है और कोविड-पूर्व यानी जून, 2019 की 10.2 लाख टन बिक्री से 25 प्रतिशत अधिक है। माह-दर-माह आधार पर पेट्रोल की बिक्री 0.8 प्रतिशत बढ़ी है।
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 47.8 प्रतिशत बढ़कर 34 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा जून, 2020 की इसी अवधि की तुलना में 37.3 प्रतिशत अधिक और कोविड-पूर्व अवधि की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक है।
यह पिछले महीने मई के पहले पखवाड़े के 30.3 लाख टन खपत की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।
रसोई गैस की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 4.21 प्रतिशत बढ़कर 10.6 लाख टन हो गई। यह आंकड़ा 2020 की तुलना में 20.3 प्रतिशत अधिक और जून, 2019 के पहले पखवाड़े की तुलना में 28.1 प्रतिशत अधिक है।
विमान ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में दोगुना से अधिक होकर 2,42,900 टन पर पहुंच गई। एटीएफ की खपत जून, 2020 की समान अवधि से 125.1 प्रतिशत अधिक रही। हालांकि, यह जून, 2019 की तुलना में 16.5 प्रतिशत कम रही।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)