देश की खबरें | हरियाणा में जबरन धर्मांतरण की एसआईटी जांच के लिए शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर हरियाणा के नूह जिले में हिंदुओं के कथित जबरन धर्मांतरण की जांच के लिये एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर हरियाणा के नूह जिले में हिंदुओं के कथित जबरन धर्मांतरण की जांच के लिये एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि नूह इलाके में हिंदुओं के जीवन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धार्मिक अधिकारों का वहां ‘दबदबा रखने वाली स्थिति’ में मौजूद अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा लगातार क्षरण किया जा रहा है।

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यह याचिका उत्तर प्रदेश के वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने में नाकाम रही है, जिसके चलते हिंदुओं का जीवन एवं स्वतंत्रता, खासतौर पर महिलाओं और दलितों का, जोखिम में है तथा वे लोग वहां दबदबा रखने वाले समूह के दहशत में जीने को मजबूर हैं।

यह याचिका अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के मार्फत दायर की गई है। याचिका के जरिये शीर्ष न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी के तहत सीबीआई और एनआईए के अधिकारियों की सदस्यता वाली एसआईटी गठित करने के लिये निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

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इसमें कहा गया है कि एसआईटी को इलाके में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण के दृष्टांतों, उनकी संपत्ति के मालिकाना हक को अवैध तरीके से हस्तांतरित कराए जाने, हिंदू महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ किये गये अत्याचार, सार्वजनिक भूमि पर किया गया कब्जा, मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों तथा शवदाह स्थलों की दशा की जांच करनी चाहिए।

याचिका के जरिये नागरिकों की जानमाल की सुरक्षा के लिये केंद्र को नूह जिले में अर्द्धसैनिक बल तैनात करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि हत्या, बलात्कार, अपहरण और घरों में जबरन घुसने की घटनाओं के सिलसिले में हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी की जांच करने तथा कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया जाना चाहिए।

याचिका में 2011 की जनगणना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मेवात जिले की कुल आबादी 10,89,263 थी, जिसमें मुसलमानों की आबादी 79.20 प्रतिशत, हिंदुओं की आबादी 20.37 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, शेष 0.43 प्रतिशत आबादी में सिख, बौद्ध और जैन आदि शामिल हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘‘ मेवात-नूह में हिंदुओं की आबादी में आई भारी कमी से जनसांख्यिकी बदलाव बढ़ा है, जो राष्ट्र की एकता के लिये विनाशकारी होगा। ’’

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