देश की खबरें | व्यक्ति नहीं विचार थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी: नड्डा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचार थे और उनके विचार को अंजाम तक पहुंचाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 हटाकर किया।

नयी दिल्ली, जून 23 भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचार थे और उनके विचार को अंजाम तक पहुंचाने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 हटाकर किया।

मुखर्जी की पुण्यतिथि पर दिल्ली प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित एक डिजीटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जमकर आलोचना की और जनसंघ नेता की रहस्यमय परिस्थितियों में कश्मीर में हुई मौत की जांच न कराने के लिए आडे हाथों लिया।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम खुशनसीब है कि हमारे सामने धारा 370 धराशायी हो गयी। मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति ने मुखर्जी के विचार की लडाई को अंजाम तक पहुंचाया। पिछले साल जब हम श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मना रहे थे तब यह कल्पना नहीं थी कि अगले ही साल हम इसे पूरा कर पाएंगे।’’

नड्डा ने कहा कि खंडित भारत की अखंडता के लिए लड़ते हुए मुखर्जी ने देश का पहला बलिदान दिया था। उन्होंने यह कहते हुए नेहरू की आलोचना की कि मुखर्जी की मां ने उनकी मौत की जांच कराए जाने की मांग उठाई थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।

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उन्होंने कहा, ‘‘आखिर क्या वजह थी मुखर्जी की मौत की जांच नहीं कराई गई। जब मुखर्जी कश्मीर की जेल में बंद थे उस वक्त नेहरू ने वहां का दौरा किया था। क्या वजह थी कि उन्होंने उनका हालचाल तक नहीं पूछा।’’

नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे राजनीति में पद की लालसा न रखें और मुखर्जी के त्याग का अनुसरण करते हुए विचारों के प्रति समर्पण का भाव रखें।

उन्होंने कहा, ‘‘हम काम करने की दिशा में कभी-कभी भटक जाते हैं। प्रलोभन भी मिलते हैं। राजनीति में सत्ता के साथ भटकाव भी आता है। इसलिए राजनीति में कभी पद से नहीं, विचार से जुड़ाव करिये। पद खुद ही मिलते चले जाएंगे।’’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुखर्जी के जीवन से यदि कुछ सीखना है तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी तरह निर्भिक होना सीखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके जैसा विचारों के प्रति समर्पण और ज्ञान अर्जन होना चाहिए। त्याग और सबको साथ लेकर चलने की भावना सीखनी होगी। उनके जीवन से यदि एक छोटे गुण को भी हम यदि आत्मसात कर लें तो विचारधारा का बहुत भला कर सकेंगे।’’

उन्होंने कहा कि मुखर्जी द्वारा दिखाए राह पर आगे चलते हुए भाजपा आज अपने बूते देश की सत्ता तक पहुंची है।

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