Periya Double Murder Case: कोच्ची CBI स्पेशल कोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व CPI (M) विधायक के कुंभीरामन सहित 14 लोग दोषी करार

Periya Double Murder case: केरल के कासरगोड जिले के पेरिया में पांच वर्ष पहले युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं कृपेश और सरत लाल की हत्या के मामले में शनिवार को यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक समेत 14 आरोपियों को दोषी ठहराया। अदालत ने 24 आरोपियों में से पहले आठ आरोपियों को हत्या और साजिश के आरोपों में दोषी ठहराया जबकि अन्य छह आरोपियों को साजिश, सबूत नष्ट करने और अपराध को अंजाम देने में सहायता प्रदान करने का दोषी पाया गया। शेष 10 आरोपियों को हालांकि मामले में बरी कर दिया गया। अदालत तीन जनवरी को सजा सुनाएगी.

यह मामला 17 फरवरी, 2019 को कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा युवा कांग्रेस कार्यकर्ता कृपेश (19) और सरत लाल पी के (24) की हत्या से संबंधित है।दोषी पाए गए आरोपियों में माकपा के पूर्व विधायक व जिला नेता केवी कुन्हीरामन, कान्हानगढ़ ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष के मणिकंदन, माकपा की पेरिया स्थानीय समिति के सदस्य ए. पीतांबरन और पक्कम के पूर्व स्थानीय सचिव राघवन वेलुथोली शामिल हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इलाके में माकपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक रूप से प्रेरित हमलों और जवाबी हमलों के बाद दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया. यह भी पढ़े: ‘पीड़िता की सहमति कोई मायने नहीं रखती, क्योंकि उसका IQ केवल 42% था’ बॉम्बे हाईकोर्ट ने बौद्धिक रूप से अक्षम घरेलू सहायिका से रेप के दोषी व्यक्ति की अंतरिम जमानत की रद्द

सीबीआई ने इस मामले में माकपा के छह कार्यकर्ताओं सहित 24 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और गैरकानूनी तरीके से सभा जैसे विभिन्न आरोपों के तहत आरोप पत्र दायर किया था। केंद्रीय एजेंसी ने केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर 23 अक्टूबर, 2019 को केरल पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी।राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने 20 मई 2019 को 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था लेकिन कृपेश और सरत के माता-पिता ने पुलिस के निष्कर्षों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोप पत्र को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

मृतक सरत के पिता सत्यनारायणन ने फैसले पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने हालांकि कहा कि जब तक सभी आरोपियों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता, तब तक कानूनी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा, “दस आरोपियों को बरी कर दिया गया और हम अभियोजक से परामर्श करने के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे.

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