जरुरी जानकारी | बीते सप्ताह मूंगफली, बिनौला, पामोलीन में सुधार; सीपीओ, सोयाबीन, सरसों में गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. जाड़े में हल्के तेलों की बढ़ती मांग के बीच बाजार में सस्ते में बिकवाली से बचने के लिए मंडियों में तिलहन की कम आवक के कारण बीते सप्ताह देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजार में सोयाबीन, मूंगफली सहित अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर देश में अत्यधिक आयात की वजह से सोयाबीन तेल सहित कुछे तेल-तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई।

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर जाड़े में हल्के तेलों की बढ़ती मांग के बीच बाजार में सस्ते में बिकवाली से बचने के लिए मंडियों में तिलहन की कम आवक के कारण बीते सप्ताह देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजार में सोयाबीन, मूंगफली सहित अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर देश में अत्यधिक आयात की वजह से सोयाबीन तेल सहित कुछे तेल-तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की पॉल्ट्री कंपनियों की स्थानीय मांग होने से सोयाबीन तिलहन के भाव में सुधार दिखा। इसका असर बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भी हुआ और उनके भाव सुधार के साथ बंद हुए। दूसरी ओर देश में अत्यधिक मात्रा में आयात होने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेलों के भाव नरमी का रुख प्रदर्शित करते बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि पामोलीन के आयातकों को भी प्रति किलो तेल पर 3-4 रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। सीपीओ के मुकाबले पामोलीन के सस्ता होने से पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि मूंगफली के डीओसी की स्थानीय मांग होने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव में भी सुधार दिखा। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में हल्के तेल में बिनौला की मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमत में भी सुधार आया। इसके साथ समीक्षाधीन सप्ताह में नमकीन बनाने वाली कंपनियों की बिनौला रिफाइंड की मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमत में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि गिरावट के आम रुख के अनुरूप सरसों तेल- तिलहनों के भाव भी अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले हानि दर्शाते बंद हुए। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को सरसों के अच्छे दाम मिलने से सरसों की अगली पैदावार बंपर होने की संभावना है। इस बार इसकी बुवाई का रकबा काफी बढ़ा है।

सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 75 रुपये की गिरावट के साथ 8,850-8,875 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,920-8,950 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 50 रुपये घटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 17,500 रुपये क्विंटल रह गया। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमत 25-25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,690-2,715 रुपये और 2,770-2,880 रुपये प्रति टिन रह गईं।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की स्थानीय मांग के बीच समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 150-150 रुपये सुधरकर क्रमश: 6,750-6,900 रुपये और 6,600-6,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

वहीं आयात के कारण तेल की पर्याप्त मात्रा की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 160 रुपये, 210 रुपये और 180 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 13,220 रुपये, 12,870 रुपये और 11,670 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

मूंगफली के डीओसी की स्थानीय पॉल्ट्री कंपनियों की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव समीक्षाधीन सप्ताह में लाभ दर्शाते बंद हुए। इस दौरान मूंगफली का भाव 50 रुपये बढ़कर 5,900-5,985 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली तेल गुजरात का भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 35 रुपये सुधरकर 1,920-2,045 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

मांग प्रभावित होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 80 रुपये की गिरावट के साथ 11,170 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 12,800 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन कांडला तेल का भाव 50 रुपये सुधरकर 11,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

बिनौला तेल का भाव 20 रुपये सुधरकर 12,220 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

राजेश

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