नासिक(महाराष्ट्र), 12 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के मौजूदा युवाओं को 21वीं सदी की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी बताया, जो अमृत काल के दौरान देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने को तैयार हैं. साथ ही, उन्होंने परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए उनसे चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का भी आग्रह किया. मोदी ने शुक्रवार को यहां 27वें राष्ट्रीय युवा उत्सव का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि परिवारवादी राजनीति ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने युवाओं से यथाशीघ्र मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने का आग्रह किया. उन्होंने युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रहने को भी कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है। यदि युवा मतदान कर अपने राजनीतिक विचार प्रकट करेंगे तो देश का भविष्य अच्छा होगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार के मतदाता भारत के लोकतंत्र में नयी ऊर्जा और शक्ति ला सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप सक्रिय राजनीति (और चुनावी प्रक्रिया) में भाग लेते हैं, तो आप परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटा सकेंगे. आप जानते हैं कि परिवारवादी राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया है.’’
मोदी ने कहा कि ‘अमृत काल’ की 25 वर्ष की अवधि देश को इसकी आजादी के शताब्दी वर्ष में ले जा रही है. उन्होंने कहा कि यह अवधि युवाओं के लिए ‘कर्तव्य काल’ है जब वे समाज और देश की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने युवाओं से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया. उन्होंने युवाओं से मां-बहन-बेटियों के नाम अपशब्दों व गालियों का इस्तेमाल करने के चलन के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की.
श्री अरविंद और स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं में प्रतिबद्धता और बौद्धिकता होने के कारण उनमें अमृत काल में इतिहास रचने की क्षमता है. मोदी ने स्वामी विवेकानंद को एक ऐसा नेता बताया जिन्होंने ऐसे वक्त में भारतीयों में नयी ऊर्जा का संचार किया, जब देश गुलाम था. राष्ट्रीय युवा उत्सव का आयोजन हर साल 12 से 16 जनवरी तक किया जाता है. स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी को मनाई जाती है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. यह अपनी प्रतिबद्धता और युवाओं की क्षमता के कारण शीर्ष तीन स्टार्ट-अप परिवेश वाले देशों की सूची में शामिल है.’’ उन्होंने अपनuthr-2041678.html">
परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए चुनावी प्रक्रिया में भाग लें : मोदी ने युवाओं से कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के मौजूदा युवाओं को 21वीं सदी की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी बताया, जो अमृत काल के दौरान देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने को तैयार हैं. साथ ही, उन्होंने परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए उनसे चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का भी आग्रह किया.
नासिक(महाराष्ट्र), 12 जनवरी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के मौजूदा युवाओं को 21वीं सदी की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी बताया, जो अमृत काल के दौरान देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने को तैयार हैं. साथ ही, उन्होंने परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए उनसे चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का भी आग्रह किया. मोदी ने शुक्रवार को यहां 27वें राष्ट्रीय युवा उत्सव का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि परिवारवादी राजनीति ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने युवाओं से यथाशीघ्र मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने का आग्रह किया. उन्होंने युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रहने को भी कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है। यदि युवा मतदान कर अपने राजनीतिक विचार प्रकट करेंगे तो देश का भविष्य अच्छा होगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार के मतदाता भारत के लोकतंत्र में नयी ऊर्जा और शक्ति ला सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप सक्रिय राजनीति (और चुनावी प्रक्रिया) में भाग लेते हैं, तो आप परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटा सकेंगे. आप जानते हैं कि परिवारवादी राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया है.’’
मोदी ने कहा कि ‘अमृत काल’ की 25 वर्ष की अवधि देश को इसकी आजादी के शताब्दी वर्ष में ले जा रही है. उन्होंने कहा कि यह अवधि युवाओं के लिए ‘कर्तव्य काल’ है जब वे समाज और देश की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने युवाओं से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया. उन्होंने युवाओं से मां-बहन-बेटियों के नाम अपशब्दों व गालियों का इस्तेमाल करने के चलन के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की.
श्री अरविंद और स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं में प्रतिबद्धता और बौद्धिकता होने के कारण उनमें अमृत काल में इतिहास रचने की क्षमता है. मोदी ने स्वामी विवेकानंद को एक ऐसा नेता बताया जिन्होंने ऐसे वक्त में भारतीयों में नयी ऊर्जा का संचार किया, जब देश गुलाम था. राष्ट्रीय युवा उत्सव का आयोजन हर साल 12 से 16 जनवरी तक किया जाता है. स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी को मनाई जाती है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत शीर्ष पांच वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. यह अपनी प्रतिबद्धता और युवाओं की क्षमता के कारण शीर्ष तीन स्टार्ट-अप परिवेश वाले देशों की सूची में शामिल है.’’ उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत में सबसे सस्ता मोबाइल डाटा विश्व के लोगों को चौंका रहा है. मोदी ने कहा, ‘‘हमें विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है.’’ उन्होंने कहा कि विश्व आज भारत को कौशल प्राप्त कार्यबल वाले देश के रूप में देख रहा है.
उन्होंने नागरिकों से, अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले देशभर के मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाकर श्रमदान करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मां राजमाता जीजाबाई को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए महाराष्ट्र आने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि अहिल्याबाई होल्कर, रमाबाई आंबेडकर, लोकमान्य तिलक, विनायक दामोदर सावरकर जैसी कई महान विभूतियां तथा स्वतंत्रता सेनानी अनंत कन्हेरे और चापेकर बंधु महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्ववेश्वरैया, मेजर ध्यानचंद, बटुकेश्वर दत्त, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा फुले एवं सावित्रीबाई फुले वर्तमान पीढ़ी की प्रेरणा हैं, और आज के युवाओं को अमृत काल में इतिहास रचने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 21वीं सदी के युवाओं को सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी मानता हूं जो भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.’’ मोदी ने कहा कि आज देश का मिजाज और अंदाज़ भी युवा है, इसलिए आज प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी भारत नेतृत्व कर रहा है. उन्होंने युवाओं से विकास और देश की विरासत के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद और योग को आजादी के बाद भुला दिया गया था. मोटे अनाज को गरीबी से जोड़ दिया गया था। हमें केवल आज के समय की समस्याओं का समाधान ढूंढने पर ध्यान केंद्रित करना बंद करना होगा और अपने लिए नयी चुनौतियां निर्धारित करनी होगी. हमें अपने सपनों को विस्तारित करने की जरूरत है.’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत के युवा योग और आयुर्वेद के ‘ब्रांड एंबेसडर’ बन रहे हैं.
उन्होंने भगवान राम का नासिक से जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भगवान राम ने यहां पंचवटी में काफी समय व्यतीत किया था. मैं लोगों से अपील करता हूं कि 22 जनवरी को (अयोध्या में) राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले, सभी मंदिरों और तीर्थस्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाएं.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें यहां प्रसिद्ध कालाराम मंदिर आने और सुबह इसके परिसर को साफ करने का अवसर मिला.
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