Insurance Amendment Bill 2021: संसद ने ‘बीमा संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी दी
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नई दिल्ली, 22 मार्च: संसद ने ‘बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021’  (Insurance Amendment Bill 2021) को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ा कर 74 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है. लोकसभा (Lok Sabha) में सोमवार को इस विधेयक को मंजूरी दी गई जबकि पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को राज्यसभा में विधेयक पारित हुआ था. यह भी पढ़े:  लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा

 निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा कर 74 फीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी. सीतारमण ने कहा कि यह संशोधन इसलिए किया जा रहा है कि कंपनियां यह तय कर सकें कि उन्हें किस सीमा तक एफडीआई लेना है.

उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र अत्यंत विनियमित क्षेत्र है जिसमें हर चीज, यहां तक कि निवेश से ले कर मार्केटिंग तक का विनिवेश होता है. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां तरलता के दबाव का सामना कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा कर 74 फीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी.

वित्त मंत्री ने कहा ‘‘ बीमा क्षेत्र के नियामक ने सभी पक्षों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया.’’ मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने ‘बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी.

सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बेचे जाने के आरोप गलत हैं ओर वे ऐसे ही रहेंगे. बजट में घोषित नीति में इसका स्पष्ट उल्लेख है. उन्होंने विपक्ष के कुछ सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए कहा, ‘‘कोई हमारे पैसे को बाहर लेकर नहीं जाएगा, पैसा हमारे यहां ही रहेगा. और तो और मुनाफे का एक हिस्सा भी यहीं रहेगा.’’

वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का एलआईसी से कोई लेनादेना नहीं है. यह विधेयक बीमा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि जब बीमा क्षेत्र की बात की जाती है तो यह ध्यान देना चाहिए कि इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की सात कंपनियां और निजी क्षेत्र से जुड़ी 61 कंपनियां हैं.

मंत्री ने कहा, ‘‘जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तब बीमा कवर बढ़ना चाहिए. देश के दलितों, शोषितों, वंचित वर्गो सभी को सुविधा मिलनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसी सोच के तहत जीवन ज्योति बीमा योजना पेश की थी.

उन्होंने संप्रग के समय भाजपा द्वारा इस विधेयक का विरोध किये जाने की विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी पर कहा, ‘‘तब हमारे नेताओं ने इसके विरोध में कदम लिया था जो तब की स्थिति के अनुसार था क्योंकि तब सुरक्षा मानक नहीं थे, लेकिन आज हम पर्याप्त सुरक्षा मानक लाये हैं.’’

कांग्रेस के एक सदस्य की टिप्पणी का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था लेकिन ‘भ्रष्टाचार के राष्ट्रीयकरण का काम संप्रग के समय हुआ. उसे सुधारने का काम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने नीरव मोदी आदि का नाम लिया, लेकिन उनका पालन-पोषण करने वाली कांग्रेस ही थी. सीतारमण ने कहा, ‘‘आप कांग्रेस को चलाने वाले अपने परिवार से पूछिए कि उन्होंने यह काम क्यों किया.’’

उन्होंने कहा कि 2015 में जब बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ा कर 49 फीसदी की गई थी उसके बाद से 26,000 करोड़ का निवेश आया. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा निवेश आने से न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी बल्कि लोगों को बेहतर पैकेज , बेहतर प्रीमियम की सुविधा मिल सकेगी तथा रोजगार भी बढ़ेंगे.

सीतारमण ने कहा ‘‘इस विधेयक को गहन विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है और देश के हितों से कोई समझौता करने का सवाल ही नहीं उठता.’’