Panchayat Elections: बंगाल सरकार के कर्मचारियों ने हर मतदान केंद्र पर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एसईसी को पंचायत चुनावों में तैनाती के लिए 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों की मांग करने का 21 जून को निर्देश दिया था. अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि 2013 में पश्चिम बंगाल में जिलों की संख्या 17 थी, जो बढ़कर वर्तमान में 22 हो गई है, और इन 10 वर्षों में मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
कोलकाता: राज्य सरकार के कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति के फोरम ने रविवार को मांग की कि आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों में पश्चिम बंगाल के हर मतदान केंद्र पर केंद्रीय बल तैनात किए जाएं. यह फोरम राज्य सरकार कर्मचारियों के 20 संगठनों का एक मंच है. राज्य सरकार के कर्मचारियों को भारत निर्वाचन आयोग या राज्य निर्वाचन आयोग विभिन्न चुनावों- विधानसभा, लोकसभा तथा स्थानीय निकाय चुनावों में चुनाव ड्यूटी में तैनात करता है.
फोरम के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अधिकारियों से दिन में मुलाकात की. इससे पहले राज्य सरकार के सौ से अधिक कर्मचारियों ने एसईसी कार्यालय की ओर मार्च किया. इन कर्मचारियों का कहना था कि अगर प्रत्येक बूथ पर केन्द्रीय बल नहीं तैनात किए जाते तो वे पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे. Two Goods Train Collide In WB: बंगाल के बांकुरा में दो मालगाड़ियों की टक्कर, कोई हताहत नहीं
फोरम के पांच-छह प्रतिनिधि एसईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिलने गये लेकिन एसईसी ने उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया. प्रतिनिधिमंडल ने एसईसी अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि हम चुनाव के दौरान आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे लेकिन इतना काफी नहीं है. हम यह आश्वासन चाहते हैं कि प्रत्येक बूथ पर केन्द्रीय बल तैनात किए जाये. प्रत्येक निर्वाचन अधिकारी की सुरक्षा जरूरी है. एसईसी ने कुछ वक्त मांगा हैं और हम सहमत हो गए हैं। देखते है क्या होता है.’’
एसईसी ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने केन्द्रीय बलों की 485 कंपनियों का अनुरोध किया है, इससे पहले 337 कंपनियों का अनुरोध किया जा चुका है, इस प्रकार पंचायत चुनाव के लिए कुल कंपनियों की संख्या 822 है.
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एसईसी को पंचायत चुनावों में तैनाती के लिए 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों की मांग करने का 21 जून को निर्देश दिया था. अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि 2013 में पश्चिम बंगाल में जिलों की संख्या 17 थी, जो बढ़कर वर्तमान में 22 हो गई है, और इन 10 वर्षों में मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
संयुक्त कार्रवाई समिति के सदस्य केंद्र में अपने समकक्षों के महंगाई भत्ते (डीए) के अनुरूप राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 130 दिन से अधिक समय से साहिद मीनार के पास धरने पर बैठे हैं. तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने फोरम की इस मांग पर कहा कि कर्मचारियों को राज्य सरकार के लिए ड्यूटी करते वक्त राजनीतिक दलों की में बात नहीं करनी चाहिए.
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