जरुरी जानकारी | अगस्त में पामतेल का आयात 13.86 प्रतिशत घटकर 7.34 लाख टन पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारत के पाम तेल के आयात में अगस्त, 2020 के दौरान 13.86 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 7,34,351 टन रह गया। इसकी मुख्य वजह आरबीडी पामोलीन के आयात के सख्त मानदंड हैं। तेल उद्योग के प्रमुख संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।
नयी दिल्ली, 11 सितंबर भारत के पाम तेल के आयात में अगस्त, 2020 के दौरान 13.86 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 7,34,351 टन रह गया। इसकी मुख्य वजह आरबीडी पामोलीन के आयात के सख्त मानदंड हैं। तेल उद्योग के प्रमुख संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।
एक बयान में कहा गया है कि आरबीडी पामोलिन के आयात में गिरावट से घरेलू तेल मिलों को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने में मदद मिल रही है।
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एसईए के अनुसार, इस साल अगस्त के दौरान पाम तेल का कुल आयात घटकर 7,34,351 टन रह गया, जो पिछले साल के इसी महीने में 8,52,534 टन था।
आरबीडी पामोलिन को 8 जनवरी, 2020 को प्रतिबंधित आयात सूची में रखा गया था और तब से इस तेल के आयात में भारी कमी आई है।
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देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक की है।
पाम तेल उत्पादों में से, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात अगस्त में बढ़कर 7,24,351 टन हो गया, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 5,87,329 टन था।
समीक्षाधीन अवधि में कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात पहले के 7,500 टन से बढ़कर 10,000 टन हो गया, जबकि आरबीडी पामोलिन का कोई भी लदान उक्त अवधि में नहीं हुआ था।
पाम तेल के अलावा, देश ने 5,74,054 टन हल्के तेल - सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और कनोला का भी आयात किया।
सोयाबीन तेल का आयात अगस्त में घटकर 3,94,735 टन रह गया, जो एक साल पहले 4,40,704 टन था। जबकि उक्त अवधि में सूरजमुखी तेल का आयात पहले के 2,30,023 टन के मुकाबले घटकर 1,58,518 टन रह गया।
इस अवधि में लगभग 20,801 टन कैनोला तेल का आयात किया गया।
एसईए के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल और हल्के तेल को मिलाकर अगस्त में वनस्पति तेलों का कुल आयात 13,70,457 टन का हुआ पिछले साल की समान अवधि के दौरान हुए 15,86,514 टन के आयात से 14 प्रतिशत कम है।
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मांग बुरी तरह प्रभावित होने का हवाला देते हुए, एसईए ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2019-20 के तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) में देश का समग्र वनस्पति तेल आयात 14-15 लाख टन घटकर लगभग 134-135 लाख टन रह सकता है जो उसके पिछले वर्ष में 149.1 लाख टन था।
एसईए ने कहा कि एक सितंबर को, देश के विभिन्न बंदरगाहों पर अधिक मात्रा में खाद्य तेल स्टॉक यानी 17,31,000 टन का स्टॉक था। पिछले तीन महीनों में स्टॉक निर्मित हुआ जिसका मुख्य कारण खाद्य तेलों का अधिक आयात होना है।
भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है, और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे हल्के तेल की थोड़ी मात्रा का आयात करता है। सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।
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