विदेश की खबरें | कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना को पाकिस्तान के मंत्री ने खारिज किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोग नसीम ने शुक्रवार को विपक्ष की उस आलोचना को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि मौत की सजा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव को समीक्षा का अधिकार देने वाला नया कानून किसी “व्यक्ति विशेष” के लिए लाया गया है। नसीम ने कहा कि यह मामला “राष्ट्रीय सुरक्षा” और देश की “लाल-रेखा” से जुड़ा है।

इस्लामाबाद, 19 नवंबर पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोग नसीम ने शुक्रवार को विपक्ष की उस आलोचना को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि मौत की सजा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव को समीक्षा का अधिकार देने वाला नया कानून किसी “व्यक्ति विशेष” के लिए लाया गया है। नसीम ने कहा कि यह मामला “राष्ट्रीय सुरक्षा” और देश की “लाल-रेखा” से जुड़ा है।

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोपों का दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध भारत ने ‘अंतरराष्ट्रीय न्यायालय’ (आईसीजे) में गुहार लगाई थी जिसके बाद आईसीजे ने जुलाई 2019 में निर्णय दिया कि पाकिस्तान को जाधव को भारतीय राजनयिक सहायता मुहैया करानी होगी और उसे सुनाई गई सजा की समीक्षा करनी होगी।

नसीम ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा, “इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है और कानून के दायरे में आने वाले किसी भी व्यक्ति पर लागू होगा।” पाकिस्तान सरकार द्वारा लाये गए कानून से जाधव को अपनी सजा के विरुद्ध अपील करने की सुविधा मिल सकती है।

इस कानून के आने के बाद सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उक्त कानून पिछले अध्यादेश की कमियों को और पुष्ट करता है तथा पाकिस्तान ने ऐसा माहौल बनाया है कि इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे के निर्णय की अवहेलना कर जाधव को राजनयिक सहायता नहीं दे रहा है। विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए नसीम ने कहा कि यह खेदपूर्ण है कि विपक्ष बिना अध्ययन किये इन मुद्दों पर आपत्ति कर रहा है।

उन्होंने कहा, “कुलभूषण जाधव का मामला पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और यह हमारे देश की लाल रेखा है। आप खुद को एक नेता कैसे कह सकते हैं जब आपको इन मामलों की समझ ही नहीं है।”

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