कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान उठा रहा है कदम: विदेश कार्यालय

हेग स्थित आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और और सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार’’ करना चाहिए।

इस्लामाबाद, 14 मई पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के निर्णय के प्ररिप्रेक्ष्य में कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है।

हेग स्थित आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और और सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार’’ करना चाहिए।

इसने पाकिस्तान से यह भी कहा था कि वह जाधव को अविलंब राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी 49 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी तथा आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने आईसीजे से संपर्क कर जाधव की सजा तथा राजनयिक पहुंच की अनुमति न देने के पाकिस्तान के फैसले को चुनौती दी थी।

आईसीजे में जाधव मामले में भारत की पैरवी करने वाले हरीश साल्वे के हालिया बयान के बारे में टिप्पणी को लेकर पूछे जाने पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘पाकिस्तान ने भारत को कमांडर जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध करा दी है और आईसीजे के फैसले के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।’’

फारूकी ने कहा कि मानवीय आधार पर पाकिस्तान ने यहां तक कि जाधव की मुलाकात उनकी मां और पत्नी से भी कराई।

उन्होंने कहा, ‘‘एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करता है और ऐसा करना जारी रखेगा।’’

साल्वे ने तीन मई को कहा था, ‘‘हमें उम्मीद थी कि हम बैक चैनल से जाधव को रिहा करने के लिए पाकिस्तान को मनाने में सफल हो सकते हैं। यदि वे मानवीय या अन्य आधार पर कहना चाहते हैं, हम उन्हें (जाधव) वापस चाहते हैं। हमने कहा कि उन्हें छोड़ दो। क्योंकि पाकिस्तान में यह एक बड़े अहम की समस्या बन गया है, इसलिए हम उम्मीद कर रहे थे कि वे उन्हें छोड़ देंगे। उन्होंने ऐसा नहीं किया।’’

भारत हमेशा कहता रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद कारोबार कर रहे थे।

भारतीय सेना प्रमुख के ‘‘रणनीतिक अनिश्चितताओं’’ से निर्णायक रूप से निपटने के लिए सरकार से एक समग्र नीति अपनाने को कहने संबंधी बयान के बारे में पूछे जाने पर फारूकी ने कहा, ‘‘गैर जिम्मेदाराना कथन खुद की क्षमताओं और आधिपत्य संबंधी डिजाइन के अतिशयोक्तिपूर्ण नजरिए से प्रेरित था।’’

गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव के संबंध में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘भारत के वरिष्ठ राजनयिक को विदेश कार्यालय में तलब कर हमने भारत के निराधार और मिथ्या तर्कों को मजबूती से खारिज किया।’’

भारत की ओर से सिंधु जल संधि के कथित उल्लंघन से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में हमारी चिंताएं एकदम स्पष्ट हैं और पाकिस्तान ने संधि में प्रदत्त तंत्र के जरिए भारत के समक्ष अपनी चिंताओं को मजबूती से उठाया और सभी संभावित माध्यमों से इन मुद्दों के समाधान के लिए काम करना जारी रखेंगे।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)

Share Now

\