कावड़ियों पर 'पुष्प वर्षा' पर ओवैसी ने खड़े किए सवाल : पूछा, क्या यह रेवड़ी कल्चर नहीं है

ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्‍तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों द्वारा शासकीय धन से कांवड़ियों पर पुष्‍पवर्षा किये जाने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि ‘क्‍या यह रेवड़ी कल्‍चर नहीं है.

असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credit : Twitter)

लखनऊ, 27 जुलाई : ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उत्‍तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों द्वारा शासकीय धन से कांवड़ियों पर पुष्‍पवर्षा किये जाने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि ‘क्‍या यह रेवड़ी कल्‍चर नहीं है.’ सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओवैसी के इस बयान को भावनाएं भड़काने का प्रयास करार देते हुए इसकी आलोचना की हैा ओवैसी ने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट में सरकार पर करदाताओं के धन से फूल बरसाने का आरोप लगाते हुए कहा ''पुलिस ने (कांवड़ियों पर) पंखुड़ियों की बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से इस्तक़बाल किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त (प्रेम भाव) से पेश आए.

दिल्‍ली पुलिस ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं. उत्‍तर प्रदेश की हुकूमत ने कांवड़ यात्रा के रास्तों पर गोश्त (की बिक्री) पर पाबंदी लगा दी.'' उन्‍होंने एक अन्‍य ट्वीट में कहा ''क्‍या यह रेवड़ी कल्चर नहीं है? मुसलमान, खुली जगह पर चंद मिनट के लिए नमाज़ भी अदा करे तो बवाल हो जाता है. मुसलमानों को सिर्फ मुसलमान होने की वजह से पुलिस की गोलियों, हिरासती तशद्दुद (हिंसा), राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून, यूएपीए, लिंचिंग, बुल्‍डोजर और तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ रहा है." उन्‍होंने कहा ''अगर इन (कांवड़ियों) पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे (मुसलमानों के) घर तो मत तोड़िए.'' उन्होंने कहा, ''यह भेद-भाव क्यों? क्या यकसानियत (निष्‍पक्षता) नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?'' यह भी पढ़ें : ITBP Recruitment 2022: ITBP में सब इंस्पेक्टर के पद पर निकली वैकेंसी, 1 लाख से अधिक होगी सैलरी- ये रही डिटेल्स

ओवैसी ने मेरठ की एक घटना की खबर को टैग करते हुए कहा ''कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल (उफान पर) हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार (कर्मचारी) का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते.'' इस बीच, भाजपा के प्रांतीय प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी ने ओवैसी के बयान की आलोचना करते हुए दावा किया कि सरकार ताजियों के जुलूस और रोजा इफ्तार के लिए भी व्यवस्थाएं करती है. ओवैसी का यह बयान सांप्रदायिक विभाजन करने और लोगों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में पवित्र श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दौरान सरकारी अधिकारियों ने जगह-जगह कावड़ियों पर हेलीकॉप्टर तथा अन्य वाहनों से फूल बरसाए थे. इसके अलावा कई स्थानों पर वरिष्ठ पुलिसकर्मियों द्वारा भी कावड़ियों की सेवा करने की खबरें और तस्वीरें सामने आई हैं.

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