देश की खबरें | ओवैसी ने सावरकर की सराहना करने को लेकर भाजपा-आरएसएस की आलोचना की

हैदराबाद, 13 अक्टूबर वीर सावरकर की सराहना करने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदु्दीन ओवैसी ने बुधवार को दावा किया कि संसद में सावरकर की तस्वीर लगा कर वे यह संदेश दे रहे हैं कि ‘राष्ट्रपिता’ के तौर पर महात्मा की गांधी की जगह सावरकर लेने जा रहे हैं।

ओवैसी ने यहां मीडियार्कियों से कहा, ‘‘एक सांसद होने के नाते मुझे यह चीज सबसे अधिक चुभती है कि संसद के सेंट्रल हॉल में महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ-साथ सावरकर की भी तस्वीर है, जिनका जिक्र न्यायमूर्ति जीवन लाल कपूर आयोग ने (अपनी रिपोर्ट में) किया था।’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या के मुकदमे की सुनवाई के दौरान शुरूआती साक्ष्य को प्रमाणित करने वाले सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया था।’’

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘लेकिन सावरकर की तस्वीर लगा कर आप क्या बताना चाहते हैं? आरएसएस और भाजपा ने देश को यह संदेश दिया है कि जल्द ही एक ऐसा क्षण आने वाला है जब बापू राष्ट्रपिता नहीं रहने वाले हैं, बल्कि सावरकर उनकी जगह ले लेंगे।’’

ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस कथित टिप्पणी के बारे में सवाल किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सावरकर मुस्लिमों के दुश्मन नहीं थे और उन्होंने उर्दू में गज़ल लिखे थे। ओवैसी ने दावा किया कि यह एक लिखित तथ्य है कि सावरकर उर्दू के खिलाफ थे।

उन्होंने कहा , ‘‘सावरकर फासीवाद और नाजीवाद को अपनाया करते थे।’’

ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस नेताओं को लगता है कि यदि वे सारे तथ्यों को ढक देंगे और झूठ बोलेंगे तो देश (सावरकर को) स्वीकार करना शुरू कर देगा।

उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या भागवत न्यायमूर्ति कपूर आयोग की रिपोर्ट में मौजूद निष्कर्षों से इनकार करेंगे कि सावरकर, महात्मा गांधी की हत्या की साजिश का हिस्सा थे।

ओवैसी ने दावा कि कि सावरकर कहा करते थे कि सिर्फ हिंदू ही देश के नागरिक हैं।

उन्होंने देश में कथित कोयला संकट को लेकर भी केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर प्रहार किया।

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