देश की खबरें | कोविड-19 के अब तक 38.5 लाख से अधिक मरीज ठीक हुए: सरकार
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नयी दिल्ली, 15 सितम्बर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत ने उन देशों के अनुभव से सीखा है जहां बहुत अधिक मौतें हुईं और देश एक ‘बहुत प्रभावी’ लॉकडाउन से कोरोना वायरस संक्रमण से अधिक मौतों का सामना करने से बच गया जिसका सामना उन देशों को करना पड़ा।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि एक बहुत प्रभावी लॉकडाउन के चलते भारत को ‘‘उच्च स्तर’’ का सामना नहीं करना पड़ा जिसका सामना कुछ यूरोपीय देशों ने किया।
भार्गव ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि कोविड- 19 से फिर से संक्रमित होना ‘‘बहुत बहुत दुर्लभ’’ है लेकिन यह हो सकता है, जैसा हांगकांग में एक मामले में देखा गया है।
उन्होंने हालांकि कहा कि यह गंभीर चिंता का कोई विषय नहीं है।
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उन्होंने भारत की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘यदि आप यूरोपीय देशों और अमेरिका को देखते हैं, तो पाते हैं कि उनके यहां मामले चरम पर पहुंच गए और उस दौरान चाहे वह स्पेन, ब्रिटेन, स्वीडन या इटली हो, काफी संख्या में मौतें हुईं। वह उच्च स्तर नीचे आया और उसके बाद वे दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सौभाग्य से, हमने भारत में उससे सीख ली और हम संक्रमण के उच्च स्तर को रोक पाये। हमने उच्च स्तर को इस तरह वितरित किया कि हमारे यहां बड़ी संख्या में मौतें नहीं हुईं और इसका कारण वैज्ञानिक था। एक बहुत प्रभावी लॉकडाउन जो मार्च के अंतिम में, अप्रैल और मई के महीनों में लगाया गया था। इसलिए, हमारे यहां उस लिहाज से उच्च स्तर नहीं हुआ।’’
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या स्वस्थ होने वालों की सबसे अधिक संख्या में से एक है। उन्होंने कहा कि देश में 14 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,000 से कम है।
भूषण ने कहा कि देश में 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या 5,000 और 50,000 के बीच है, जबकि ऐसे मात्र चार राज्य जहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या 50,000 से अधिक है।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर संक्रमण के मामले 3,573 हैं जो कि दुनिया में सबसे कम में से एक है, जबकि वैश्विक औसत 3,704 है।
भूषण ने यह भी रेखांकित किया कि भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोविड-19 से मृत्यु दर 58 है जो कि दुनिया में सबसे कम में शामिल है, जबकि वैश्विक औसत 118 है।
उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 जांच में एक प्रगतिशील वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी जांच को एक करोड़ से दो करोड़ तक दोगुना करने में 27 दिन लगे। हालांकि, हमें चार करोड़ जांच से पांच करोड़ जांच तक पहुंचने में केवल 10 दिन लगे।’’
भूषण ने भारत में ठीक होने वालों की उच्च संख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 38.5 लाख से अधिक मरीज ठीक हो गए है। यह संख्या दुनिया में सबसे अधिक में से एक है तथा जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़े से पता चलता है कि भारत में ठीक होने वालों की सबसे अधिक संख्या है।
भूषण ने कहा कि पांच राज्यों - महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु -में देश के कुल उपचाराधीन मरीजों का 60 प्रतिशत हिस्सा है।
उन्होंने यह भी कहा कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या (9,90,061) कुल मामलों (38,59,399) का केवल 20 प्रतिशत है तथा ठीक होने की दर 78.28 प्रतिशत है।
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