नयी दिल्ली, दो मार्च भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने के अनुरोध संबंधी पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, इस पर दिल्ली की एक अदालत 23 अप्रैल को अपना आदेश सुना सकती है।
एक नाबालिग पहलवान ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर को शनिवार को आदेश पारित करना था। न्यायाधीश ने कहा कि मामले में कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने पिछले साल एक अगस्त को शहर की एक सत्र अदालत को बताया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और इसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पेश की है, उसके विरुद्ध नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर कर नाबालिग से जुड़े मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। पुलिस ने यह अनुरोध तब किया था जब लड़की के पिता ने जांच के बीच में ही एक चौंकाने वाला दावा किया था कि उन्होंने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाये थे।
पुलिस ने सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन छह महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर दर्ज एक अलग मामले में उन पर यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को यह कहते हुए रद्द करने की सिफारिश की थी कि ‘‘कोई पुष्ट सबूत नहीं मिला’’।
सिंह अपने खिलाफ लगाये गये आरोपों से लगातार इनकार करते रहे हैं।
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