ताजा खबरें | पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा, रास दोपहर दो बजे तक स्थगित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. पेगासस जासूसी विवाद और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली, 26 जुलाई पेगासस जासूसी विवाद और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

एक बार के स्थगन के बाद जैसे ही दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने कुछ विधायी कामकाज निपटाए। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमा शुल्क घटाने की अधिसूचना संबंधी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे।

इसके बाद हरिवंश ने प्रश्न काल के लिए राकेश सिन्हा का नाम पुकारा। तभी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों तथा अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सभापति के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं।

हंगामा कर रहे सदस्यों को वापस अपने स्थानों की ओर लौटने का अनुरोध करते हुए उपसभापति ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण है। आप सभी उच्च सदन के सदस्य हैं। सदन की गरिमा के अनुकूल आचरण करें।’’ हालांकि उनका यह प्रयास विफल रहा और नारेबाजी नहीं थमी।

हंगामे के बीच ही राकेश सिन्हा ने वन को परिभाषित किए जाने संबंधी सवाल पूछे जिसका जवाब वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिया। शोर की वजह से उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। हंगामे के बीच ही कुछ अन्य सदस्यों ने भी अपने सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों की ओर से उनके जवाब दिए गए।

हंगामा ना थमते देख उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.11 बजे दो बजे तक के लिए स्थिगित कर दी।

इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू शून्यकाल के तहत भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारा और उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। लेकिन इसी बीच कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर दिए गए अपने नोटिसों का जिक्र किया।

सभापति ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत, कामकाज स्थगित कर कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, द्रमुक के तिरूचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय सहित कुछ सदस्यों के नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन नोटिसों को मंजूरी नहीं दी है। नायडू ने कहा कि आज शून्यकाल के तहत अलग अलग मुद्दे उठाने के लिए उन्हें 12 सदस्यों से नोटिस प्राप्त हुए हैं और विशेष उल्लेख भी हैं। इसके अलावा अन्य कामकाज भी होना है।

इस बीच विपक्षी सदस्यों ने अपनी अपनी मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने कहा कि इस तरह सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि शून्यकाल के तहत सदस्यों ने महंगाई, कोविड-19 महामारी, पेट्रोल डीजल की कीमत में वृद्धि, कावेरी जल विवाद, बेरोजगारी, प्रेस की स्वतंत्रता, उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को होने वाली परेशानियां और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की जान लेने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए नोटिस दिए हैं, लेकिन उन्हें अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिल पा रहा है।

हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने का प्रयास कर रहे सभापति ने कहा ‘‘हम दिन पर दिन असहाय होते जा रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये, जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की अनुमति दी जाती है लेकिन ‘‘सदन में कामकाज नहीं हो पा रहा है... सदस्यों को अवसर नहीं मिल पा रहा है।’’

उन्होंने कहा ‘‘हम असहाय हो रहे हैं। लोगों को पता चलना चाहिए कि कौन कौन से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने की मंजूरी दी गई है। सदस्य मौजूद हैं, वे अपनी बात कहना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं।’’

सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब आठ मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, सदन की बैठक शुरू होने पर करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर, पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही उच्च सदन ने तोक्यो ओलंपिक में 49 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीतने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

ब्रजेन्द्र मनीषा

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