ताजा खबरें | विपक्ष ने बजट को शब्दों में हेरफेर वाला और निराशाजनक करार दिया, भाजपा ने ‘दूरदर्शी’ बताया
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित विपक्षी दलों ने आम बजट को ‘निराशजनक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि बजट में सिर्फ शब्दों का हेरफेर किया गया है, लेकिन सशस्त्र बलों, मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे एवं लघु कारोबारों सहित आम लोगों के लिए कुछ ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं।
नयी दिल्ली, 10 फरवरी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित विपक्षी दलों ने आम बजट को ‘निराशजनक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि बजट में सिर्फ शब्दों का हेरफेर किया गया है, लेकिन सशस्त्र बलों, मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे एवं लघु कारोबारों सहित आम लोगों के लिए कुछ ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं।
वहीं, भाजपा ने बजट को ‘दूरदर्शी’ बताते हुए कहा कि बजट में गांव, गरीब, वंचित वर्गो, किसानों आदि के कल्याण के साथ उन सभी लोगों को मौका दिया गया है जो भारत की स्थिति, उसकी अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं।
सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि विपक्ष नफरत में इतना अंधा नहीं हो सकता कि सही चीजों पर भी सवाल खड़े करे।
लोकसभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बजट को देश के लोगों को निराश करने वाले वाला करार दिया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से देश में ‘ना जवान, ना किसान’ का नारा दिया है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘शास्त्री जी ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री ने इस बजट के माध्यम से इस नारे में ‘ना जवान, ना किसान’ का योगदान दिया।’’
थरूर ने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था में पहले से गिरावट थी और कोरोना संकट के बाद यह ध्वस्त हो गई। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर कुछ दिशा नहीं दिखी, सिर्फ बयानबाजी हुई।
उन्होंने कहा कि चुनौतियों से निपटने का कोई खाका बजट में पेश नहीं किया गया। पिछले सात साल में इस सरकार ने आम आदमी को निराश किया है।
कांग्रेस सांसद के मुताबिक, कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 35,000 करोड़ रूपये तय किये गये हैं और पेयजल का आवंटन भी स्वास्थ्य बजट में जोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बजट सिर्फ 71,000 करोड़ रुपये का है, जबकि सरकार इसे दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बता रही है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए आवंटन कम कर दिया गया है। एमएसएमई उपक्रमों के लिए कोई सीधी वित्तीय सहायता देने का प्रावधान नहीं किया गया।
थरूर ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर होना चाहिए, लेकिन इससे सरकार का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि लोग खुद पर निर्भर हों और सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं हो।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्णयों और दूरदृष्टि के कारण देश प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बहुत काम किया है और बहुत काम अभी करने हैं और ‘‘मुझे विश्वास है कि सरकार उसे करेगी’’।
उन्होंने कहा कि इस बार बजट में हर क्षेत्र में पहले के बजटों के मुकाबले दोगुना या दोगुने से अधिक पैसा दिया गया है।
लेखी ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि विभिन्न अर्थशास्त्रियों और संस्थाओं ने इस संबंध में भ्रामक भविष्यवाणियां की थीं। एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 18 करोड़ मामले सामने आएंगे और एक करोड़ लोग मारे जाएंगे। इसी तरह एक अर्थशास्त्री ने कहा कि रोजाना देश में 50 से 70 लाख लोग इससे प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा कि ये सारी बातें गलत साबित हुईं।
लेखी ने कहा कि विपक्ष नफरत में इतना अंधा नहीं हो सकता कि सही चीजों पर भी सवाल खड़े करे।
भाजपा सांसद ने कहा कि कोरोना वायरस ने देश में आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया और इस सरकार ने उसी अवरोध को आधार बनाकर बजट तैयार किया है।
लेखी ने कहा कि इस बजट ने उन सभी लोगों को मौका दिया है जो भारत की स्थिति, उसकी अर्थव्यवस्था को बदलना चाहते हैं।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को सार्वजनिक रूप से कोरोना वायरस का टीका लगवाना चाहिए ताकि इस टीके को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ सके।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर भावनात्मक रुख दिखाया, वैसा ही आंदोलनकारी किसानों के प्रति भी दिखाना चाहिए।
मारन ने कोरोना वायरस के टीकों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने सार्वजनिक रूप से टीका लगवाया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे मित्र बेंजामिन नेतन्याहू (इजराइल के प्रधानमंत्री) ने टीका लगवाया। प्रधानमंत्री अमेरिकी मॉडल को पसंद करते हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री को टीका लगावाना चाहिए ताकि लोगों में विश्वास पैदा हो।’’
मारन ने आरोप लगाया कि बजट में सिर्फ शब्दों का हेरफेर किया गया है, लेकिन आम लोगों के लिए कुछ ठोस प्रावधान नहीं किए गए हैं।
द्रमुक सांसद ने कहा कि सरकार को सभी जरूरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती करनी चाहिए ताकि लोगों को फायदा मिल सके।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम श्रीनिवासुलू रेड्डी ने कहा कि टीकाकरण के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने पोलावरम परियोजना के लिए बजट में की गयी घोषणा के लिए भी वित्त मंत्री की प्रशंसा की।
रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विकास में केंद्र का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने एमपीलैड की राशि जारी करने की मांग की।
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