नयी दिल्ली, पांच अप्रैल कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग करते हुए बुधवार को लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बज कर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न दो बजे आरंभ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट के पहुंच गए।
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही, पीठासीन सभापति रमा देवी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। हंगामे के बीच ही केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने ‘तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023’ को सदन में पेश किया।
रमा देवी ने विपक्षी सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने अपराह्न दो बजकर पांच मिनट पर कार्यवाही बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, आज सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे और आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने काले कपड़े पहन रखे थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 23 मार्च को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद से कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य विरोध स्वरूप काले कपड़े पहनकर संसद पहुंच रहे हैं।
विपक्षी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं और उन्होंने ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाए।
पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘आप प्रश्नकाल चलने दीजिए। सदस्यों के कई महत्वपूर्ण प्रश्न होते हैं। माननीय मंत्री उन प्रश्नों के उत्तर देते हैं। आप जानते हैं...कृपया अपने स्थान पर जाइए।’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने 11 बजकर एक मिनट पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की भारतीय जनता पार्टी की मांग और अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के जोर देने के कारण, संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की 13 मार्च को शुरूआत से ही सदन की कार्यवाही बाधित रही है।
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