जरुरी जानकारी | ज्यादातर हवाई यात्रियों की राय, हवाई अड्डों पर खाने-पीने का सामान काफी महंगा : रिपोर्ट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. ज्यादातर हवाई यात्रियों का मानना है कि हवाई अड्डों पर बेचे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थ बहुत महंगे हैं। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बड़ी संख्या में हवाई यात्री हवाई अड्डों पर संगठित खुदरा दुकानों और रेलवे स्टेशनों की तुलना में 200 प्रतिशत तक अधिक भुगतान करते हैं।
मुंबई, 12 दिसंबर ज्यादातर हवाई यात्रियों का मानना है कि हवाई अड्डों पर बेचे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थ बहुत महंगे हैं। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बड़ी संख्या में हवाई यात्री हवाई अड्डों पर संगठित खुदरा दुकानों और रेलवे स्टेशनों की तुलना में 200 प्रतिशत तक अधिक भुगतान करते हैं।
ऑनलाइन सोशल प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 60 प्रतिशत एयरलाइन यात्रियों का कहना है कि उन्हें रेलवे स्टेशनों की तुलना में हवाई अड्डों पर भोजन और पेय पदार्थों के लिए 100-200 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता है।
हाल ही में किए गए सर्वेक्षण में भारत के 309 जिलों में स्थित एयरलाइन यात्रियों से 28,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। इनमें से 61 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं थीं। लगभग 43 प्रतिशत उत्तरदाता देश के पहली श्रेणी के शहरों से थे। 30 प्रतिशत दूसरी श्रेणी से और शेष 27 प्रतिशत छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से थे।
यात्रियों ने बताया कि हवाई अड्डों पर समोसा या पैटीज का दाम 200 रुपये से अधिक हो सकता। वहीं थाली की कीमत 500 रुपये से अधिक हो सकती है। इसके अलावा कॉफी और ठंडे पेय का दाम 200 से 300 रुपये होता है। यह मॉल में किसी खाद्य बिक्री केंद्र पर चुकाई जाने वाली कीमत से दो से तीन गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि कोहरे या अन्य कारणों से देरी के समय यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है और वे बिना किसी किफायती भोजन के उड़ान भरने के लिए घंटों तक इंतजार करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह परिदृश्य रेलवे स्टेशनों, विशेष रूप से दिल्ली और मुंबई के बड़े स्टेशनों के विपरीत है, जहां यात्रियों के पास छोटे खाद्य स्टॉल/बिक्री केंद्र, छोटे विक्रेताओं और बड़े फ्रेंचाइजी बिक्री केंद्र के बीच चयन करने का विकल्प होता है।
अधिकांश हवाई अड्डों पर महंगे खाद्य पदार्थ उपलब्ध होने के कारण कई यात्री हवाई अड्डों पर भोजन पर खर्च करने से पहले दो बार सोचते हैं और कुछ मामलों में तो अपना नाश्ता या भोजन भी साथ लेकर चलते हैं। हालांकि, सुरक्षा और वजन संबंधी सीमा के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है।
सरकार की महत्वाकांक्षा है कि हवाई यात्रा को और अधिक किफायती बनाया जाए और कुल यातायात का 70 प्रतिशत हिस्सा कम लागत वाली एयरलाइंस के पास हो। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हवाई अड्डों पर कम लागत वाले खाद्य विकल्प उपलब्ध कराए जाएं। लोकलसर्किल्स ने कहा कि कीमत और मात्रा के समीकरण को फिर से काम करने की जरूरत है ताकि खाद्य स्टॉल उच्च कीमतों और कम मात्रा के बजाय अधिक मात्रा और कम कीमत पर चलें।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)