विधायकों की एक साल की निधि और 30 प्रतिशत वेतन, भत्ते कोविड केयर फंड में जाएंगे
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट की एक विशेष बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई, जिसमें लगभग सभी मंत्रियों ने भाग लिया।
लखनऊ, आठ अप्रैल उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को राज्य के सभी मंत्रियों और विधानमण्डल सदस्यों के 30 प्रतिशत वेतन—भत्ते और एक साल की निधि को कोविड केयर फंड में जमा करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट की एक विशेष बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई, जिसमें लगभग सभी मंत्रियों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट के सामने चार प्रस्ताव आये, जिन पर मुहर लगायी गयी। उन्होंने बताया कि बैठक में लिये गये फैसले के तहत खासतौर से कोरोना की महामारी के मद्देनजर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी मंत्रियों का वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और कार्यालय भत्ता जो कुल एक लाख 10 हजार रुपये होता है, का 30 प्रतिशत हिस्सा कोविड केयर फंड में एक साल तक जमा किया जाएगा।
खन्ना ने बताया कि कई मंत्रियों की भी यही मांग थी, जिसके आधार पर कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया। वर्तमान में प्रदेश में 56 मंत्री हैं, लिहाजा यह 30 प्रतिशत हिस्सा कुल दो करोड़ 21 लाख 76 हजार रुपये बनता है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश के सभी विधायक और विधान परिषद सदस्यों यानी कुल 503 सदस्यों को प्रतिमाह वेतन और भत्तों के रूप में 95—95 हजार रुपये मिलते हैं, इसका भी प्रति विधायक 30 प्रतिशत हिस्सा एक साल तक लेकर कोविड केयर फंड में जमा किया जाएगा। यह कुल मिलाकर 15 करोड़ 28 लाख 74 हजार रुपये होगा।
मंत्री मोती सिंह ने बताया कि मंत्रिमण्डल ने विधायकों और मंत्रियों के अनुरोध पर वित्तीय वर्ष 2020—21 की विधायक निधि को अस्थायी रूप से स्थगित रखने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगायी है।
उन्होंने बताया, ‘‘विधायक निधि अभी तक दो करोड़ रुपये प्रतिवर्ष थी, जिसे हाल में तीन करोड़ रुपये किया गया है। एक साल की कुल विधायक निधि से मिलने वाले 1,509 करोड़ रुपये कोरोना महामारी से बचाव के मकसद से चिकित्सीय सुविधाओं को मजबूत करने के लिये बनाये गये कोविड केयर फंड में जमा किये जाएंगे, ताकि महामारी से निपटने में इसे खर्च किया जा सके।’’
खन्ना ने बताया कि कैबिनेट में आकस्मिकता निधि संशोधन अध्यादेश भी लाया गया। अभी तक इस निधि के लिये 600 करोड़ रुपये तय थे, मगर वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए इसे बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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