प्रदर्शनकारियों ने पिछले महीने के संसदीय चुनावों के परिणामों में मिली हार को खारिज कर दिया। चुनाव में ईरान समर्थक लड़ाकों को सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार तड़के झड़प में घायल हुए लोगों में ज्यादातर दंगा रोधी पुलिस बल के सदस्य थे। यह स्पष्ट नहीं है कि शुक्रवार को झड़प किस वजह से हुई। तीन सप्ताह से अधिक समय से ‘ग्रीन जोन’ क्षेत्र के बाहर डेरा डाले प्रदर्शनकारियों की रैलियों के बीच इराकी बलों के साथ झड़प के एक दिन बाद शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों और इराकी बलों के मध्य गोलीबारी की खबरें आईं।
संयुक्त सुरक्षा अभियान कक्ष ने एक बयान में कहा कि इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने शुक्रवार की हिंसा की जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि झड़प किस वजह से हुई और किसने गोली नहीं चलाने के आदेश का उल्लंघन किया।
दो सुरक्षा अधिकारियों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि प्रदर्शन के दौरान लगभग 300 लोग थे, जिन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। दंगा रोधी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने के लिए डंडों, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कम से कम 27 आम नागरिक और सुरक्षा बल के 98 सदस्य घायल हो गए। इसके बाद फिर हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
मतदान के बाद मिलिशिया समर्थक ‘ग्रीन जोन’ के पास धरना प्रदर्शन के लिए एकत्रित हो गए। उन्होंने चुनाव परिणामों को खारिज कर दिया और मांग पूरी नहीं होने पर हिंसा की धमकी दी।
अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य ने इराक में 10 अक्टूबर को हुए चुनाव की प्रशंसा की है, जो ज्यादातर हिंसा मुक्त और बिना किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के संपन्न हुआ था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)