प्रयागराज, 27 दिसंबर महाकुम्भ 2025 की तैयारियों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साध रहे विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि सनातन संस्कृति के खिलाफ षड़यंत्र रचने वाले छद्म धर्मनिरपेक्ष सिंडीकेट से सावधान रहने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से इंडी गठबंधन की घटक समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव महाकुम्भ के आयोजन को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
नकवी ने यहां सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “सनातन संस्कृति के खिलाफ "छद्म सेक्युलर सिंडिकेट" से सावधान रहना होगा। यह सिंडीकेट "सांप्रदायिक फ़साद में सियासी मफ़ाद" ढूंढता है।”
प्रयागराज आये पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के रिवाज को समावेशी सशक्तीकरण के मिज़ाज से ध्वस्त किया है और वह आज दुनियाभर में संकट मोचक के तौर पर लोकप्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विश्व में धाक मजबूत हुई है और हर भारतीय को गर्व है कि मोदी जी को दुनिया वैश्विक संकट के संकटमोचक के रूप में देख रही है।
नकवी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराधियों, अराजक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि योगी सरकार का "दंगाइयों की ठुकाई, बलवाइयों की कुटाई और बाहुबलियों की विदाई" से समाज में सुरक्षा का माहौल बना है।
उत्तर प्रदेश में 2027 होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, “महत्त्वाकांक्षाओं के मझधार में फंसे कांग्रेस-सपा गठबंधन में जितने छेद हैं उससे ज्यादा उसमें मतभेद हैं। इन छेद को रफू करने के चक्कर में वे विभिन्न चुनावों में निपटते जा रहें हैं।”
हाल ही में संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच झड़प की घटना को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “यह परिवारवादी पार्टी का डिजाइन किया हुआ प्रदर्शन था।”
उन्होंने वायनाड से सांसद प्रियंका का नाम लिए बगैर कहा, “यह परिवार फैमिली के फैशन फोटोग्राफी फन में कभी नीला चोला तो कभी बांग्लादेश-फिलिस्तीन का झोला लेकर लोकतंत्र में धक्का मुक्की करता है।”
नकवी ने पूर्व प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने जिस तरह से बिना पारिवारिक विरासत के प्रगति की सियासत को परवान चढ़ाया और मजबूती दी, वह अपने आप में अनुकरणीय है।
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