जरुरी जानकारी | विदेशों के ऊंचे भाव से तेल तिलहन बाजार में मजबूती, सरसों, सोयाबीन 13,000 रुपये क्विंटल के दायरे में

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. दिल्ली तेल तिलहन बाजार में गत सप्ताह विदेशों में ऊंचे भाव बोले जाने और सोयाबीन तेल रहित खल और मूंगफली तेल की निर्यात मांग निकलने से भाव मजबूती में रहे। आवक कम रहने से सरसों तेल मिल डिलीवरी 13,000 रुपये पर मजबूती में टिका रहा जबकि विदेशों के ऊंचे भाव से सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी भी 12,900 रुपये क्विंटल के दायरे में बोला गया।

नयी दिल्ली, 10 जनवरी दिल्ली तेल तिलहन बाजार में गत सप्ताह विदेशों में ऊंचे भाव बोले जाने और सोयाबीन तेल रहित खल और मूंगफली तेल की निर्यात मांग निकलने से भाव मजबूती में रहे। आवक कम रहने से सरसों तेल मिल डिलीवरी 13,000 रुपये पर मजबूती में टिका रहा जबकि विदेशों के ऊंचे भाव से सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी भी 12,900 रुपये क्विंटल के दायरे में बोला गया।

बाजार सूत्रें का कहना है कि विदेशों में सोयाबीन तेल रहित खल (डीओसी) की अच्छी मांग है। विदेशों में भाव ऊंचे चलने से भारतीय डीओसी को भी समर्थन मिल रहा हे। बाजार की स्थिति को देखते हुये किसान भी ऊंचे भाव पर ही माल निकाल रहे हैं। विदेशों में सोयाबीन डीओसी का भाव 520 डालर प्रति टन बोला जा रहा है जो कि 3,700 रुपये क्विंटल तक बैठती है।

विदेशों की मजबूती पाकर देशी तेलों में भी भाव ऊंचे बने रहे। हालांकि, जानकारों का कहना है कि कुछ मामलों में भाव काफी बढ़ा चढ़ाकर बोले जा रहे हैं। सरसों मिल डिलीवरी तेल दादरी सप्ताहांत 13,000 रुपये क्विंटल पर बोली गई। इस लिहाज से कच्ची घानी सरसों तेल थोक में जीएसटी सहित 137 रुपये किलो बैठता है। लीटर में यह भाव 124 रुपये तक बैठता है। इसमें तमाम खर्चे मार्जिन आदि जोड़ने के बाद बाजार में यह 140- 145 रुपये लीटर तक बिक सकता है, लेकिन कुछ मामलों में 170- 180 रुपये लीटर तक भाव बोला जा रहा है जो कि बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुये ठीक नहीं है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये।

कच्चे पॉम तेल का भाव भी एक सप्ताह पहले के मुकाबले 130 रुपये क्विंटल बढ़ गया। विदेशों में इसका भाव 400 रुपये क्विंटल तक बढा है। कच्चा पॉम एक्स कांडला गत सप्ताहांत 9,980 रुपये क्विंटल रहा जबकि एक सप्ताह पहले भाव 9,850 रुपये तक बोला गया था।

मूंगफली तेल मिल डिलीवरी गत सपताहांत 14,000 रुपये क्विंटल पर मजबूती में रहा। साबुत मूंगफली की मांग अधिक रहने और मूंगफली तेल की निर्यात मांग जारी रहने से किसानों से नेफेड को भी मूंगफली की कम बिक्री की। यही स्थिति सरसों में भी बनी है। किसान केवल ऊंचे भाव पर ही माल निकाल रहे हैं। डेढ- दो महीने बाद ही नई सरसों बाजार में आयेगी इसलिये सरसों 42 प्रतिशत कंडीशन का भाव सप्ताहांत 6,575- 6,600 रुपये क्विंटल पर ऊंचा रहा।

तेल तिलहन बाजार के जानकारों का कहना है कि सरकार को देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर पूरा ध्यान देना चाहिये। आयातित तेलों पर निर्भरता कम करने के लिये घरेलू उत्पादन बढ़ाना जरूरी है। कुछ ही समय बाद हरियाणा, पंजाब और दक्षिण के राज्यों में सूरजमुखी की बिजाई शुरू होने वाली है इसके लिये किसानों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये।

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