जरुरी जानकारी | विदेशी बाजारों में भारी गिरावट से तेल-तिलहन के दाम धराशायी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल का भाव घटने के कारण बुधवार को सभी तेल-तिलहन कीमतों में लगातार दो दिन से गिरावट का दौर जारी है तथा सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन और बिनौला तेल गिरावट दर्शाते बंद हुए।

नयी दिल्ली, छह दिसंबर विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल का भाव घटने के कारण बुधवार को सभी तेल-तिलहन कीमतों में लगातार दो दिन से गिरावट का दौर जारी है तथा सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन और बिनौला तेल गिरावट दर्शाते बंद हुए।

शिकॉगो एक्सचेंज कल रात नीचे बंद हुआ था और फिलहाल यहां गिरावट है। मलेशिया एक्सचेंज में भी कमजोरी का रुख है।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि पिछले लगभग तीन माह से आयातित तेलों में बेपड़ता कारोबार जारी है और तेल मिलें और तेल व्यापारी बेदम हो चले हैं। तेल-तिलहन बाजार का मौजूदा दौर पहले कभी नहीं रहा। तेल-तिलहन उद्योग की जरुरतों और मांगों से सरकार और मीडिया को रूबरू कराने में देश के तेल संगठन असफल कहे जा सकते हैं। तिलहनों का हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाया जाता है लेकिन अपेक्षा की जाती है कि तेल कीमतें न बढ़ें। देशी तेल-तिलहन से लगभग आधे दाम वाले खाद्य तेल से बाजार पाट दिया जाता है और देशी तिलहन एवं देशी पेराई मिलें घाटे में चली जाती हैं। इन सबसे कहीं अहम यह बात है कि उपभोक्ताओं को फिर भी सस्ता आयातित तेल महंगे में ही मिल रहा है। यानी जिस मकसद के लिए सस्ते आयातित तेलों को मंगाने या शुल्कमुक्त आयात की छूट देने जैसे कदम उठाये गये वह नाकाम रहा है। सॉफ्ट आयल (नरम तेल-सोयाबीन, सूरजमुखी) का आयात अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर में कम रहने के आसार हैं और आगे शादी-विवाह और सर्दियों की मांग बढ़ने वाली है। सोयाबीन डीगम तेल का भाव जो पहले 1,023 डॉलर प्रति टन था कल रात घटकर 990 डॉलर प्रति टन रह गया। क्या इसी अनुपात में इसके खुदरा दाम में कमी की जायेगी? लेकिन तेल समीक्षक या तेल संगठन इसके बारे में कुछ कहने से भी बच रहे हैं। आखिर इन समस्याओं की ओर किसी को तो ध्यान देना ही होगा।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,540-5,590 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,700-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,550 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,315-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,740 -1,835 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,740 -1,850 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 7,900 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,990-5,040 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,790-4,840 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।

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