देश की खबरें | ओडिशा: पहलगाम हमले में मारे गए प्रशांत सत्पथी की चिता को नौ साल के उनके बेटे ने दी मुखाग्नि

बालासोर, 24 अप्रैल सदमे में डूबा नौ वर्षीय तनुज अपने बड़ों के निर्देशों का पालन करते हुए बृहस्पतिवार की सुबह अपने पिता प्रशांत सत्पथी की चिता को मुखाग्नि देते समय कुछ भी समझ नहीं पा रहा था।

प्रशांत की पत्नी प्रिया दर्शिनी गमगीन होकर किसी को भी शव को छूने नहीं दे रही थीं और शव को श्मशान ले जाने से मना कर रही थीं। वह थोड़ी-थोड़ी देर में शव से लिपट जाती थीं। बाद में वह बेहोश हो गईं।

श्मशान की तरफ जाने वाली सड़क के दोनों ओर मौजूद लोग अंतिम संस्कार के दौरान तनुज को देखकर रो पड़े। नौ साल का तनुज स्थिति को समझ नहीं पा रहा था और वह बस अपने बड़ों के दिए गए निर्देशों का पालन कर रहा था।

ओडिशा के बालासोर जिले के मूल निवासी प्रशांत मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए।

प्रशांत को श्रद्धांजलि देने के लिए दूर दूर से सैकड़ों लोग रेमुना ब्लॉक के इशानी गांव में एकत्र हुए थे।

श्रद्धांजलि देने वालों में प्रशांत का एक करीबी दिव्यांग व्यक्ति भी शामिल था, जो गांव में विशेष रूप से तैयार किए गए तिपहिया वाहन पर आया था। लेकिन सम्मान के तौर पर वह प्रशांत के घर से श्मशान तक रेंगकर गया।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, परिवहन मंत्री बिभूति भूषण जेना और बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी समेत सैकड़ों लोग शव यात्रा के दौरान तनुज के साथ उनके घर से लगभग एक किलोमीटर दूर श्मशान भूमि तक गए।

श्मशान में ‘जय हिंद’ और ‘प्रशांत सत्पथी अमर रहे’ के नारों के बीच तनुज ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

प्रशांत के बड़े भाई सुशांत यहां श्मशान में कई बार बेहोश हुए। तीनों भाइयों में सबसे छोटे जयंत ने कहा कि वह रीति-रिवाजों के अनुसार नौ दिनों तक अनुष्ठान करेंगे।

प्रशांत (41) ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ के कर्मचारी थे। वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियों में जम्मू कश्मीर के पहलगाम गए थे।

माझी ने सुबह प्रशांत के परिजन से मुलाकात की और उनके घर पर करीब एक घंटा बिताया। उन्होंने प्रशांत की पत्नी प्रिया दर्शिनी और बुजुर्ग मां को सांत्वना दी।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं और राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में प्रशांत सत्पथी के परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। राज्य सरकार उनके परिवार को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान करेगी, उनकी पत्नी को नौकरी देगी और उनके बेटे की शिक्षा का खर्च उठाएगी।’’

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