देश की खबरें | बिल्कीस बानो मामले में दोषियों की सजा माफ करने के खिलाफ याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार को नोटिस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार बिल्कीस बानो की उस याचिका पर सोमवार को केंद्र, गुजरात सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया, जिसमें उन्होंने दोषियों को समय-पूर्व रिहा किये जाने के फैसले को चुनौती दी है।

नयी दिल्ली, 27 मार्च उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार बिल्कीस बानो की उस याचिका पर सोमवार को केंद्र, गुजरात सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया, जिसमें उन्होंने दोषियों को समय-पूर्व रिहा किये जाने के फैसले को चुनौती दी है।

गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आगजनी की घटना के बाद भड़के दंगे के दौरान बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी।

बानो ने इस मामले में दोषी ठहराये गये 11 अपराधियों की बाकी सजा माफ किये जाने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर करते हुए कहा कि इसमें कई मुद्दे समाहित हैं और इस मामले को विस्तार से सुनने की आवश्यकता है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र, गुजरात सरकार और दोषियों को नोटिस जारी किये।

पीठ ने गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई के दौरान दोषियों की शेष सजा माफ किये जाने के फैसले के संबंध में प्रासंगिक फाइल के साथ मौजूद रहे।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह इस मामले में भावनाओं के साथ सुनवाई के बजाय कानून के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगा।

गौरतलब है कि चार जनवरी को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष यह मामला आया था, लेकिन न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने बिना कोई कारण बताए मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।

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