बीजेपी के प्रमुख नेता ने कहा- राजनीति में कुछ भी नामुमकिन नहीं

मुकुल रॉय के भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में लौटने के दो दिन बाद उनके करीबी सहयोगी और भगवा दल के अनुसूचित जाति (एससी) मोर्चा के प्रमुख दुलाल बार ने रविवार को कहा कि ‘राजनीति में कुछ भी नामुकिन नहीं है” जिससे उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगने लगी हैं.

बीजेपी (Photo Credits: PTI)

कोलकाता, 13 जून: मुकुल रॉय के भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में लौटने के दो दिन बाद उनके करीबी सहयोगी और भगवा दल के अनुसूचित जाति (एससी) मोर्चा के प्रमुख दुलाल बार ने रविवार को कहा कि ‘राजनीति में कुछ भी नामुकिन नहीं है” जिससे उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगने लगी हैं. बार ने स्पष्ट किया कि वह रॉय के नक्शे कदम पर ही 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा, “ वह (रॉय) मेरे नेता हैं, और मैं भाजपा में उनकी वजह से ही शामिल हुआ था. राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. फिलहाल मैं भाजपा राज्य एससी मोर्चा का अध्यक्ष हूं और मैं आगे क्या करूंगा, यह तो भविष्य ही बताएगा.” उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है. रॉय के एक अन्य करीबी सहयोगी उत्तर 24 परगना जिला परिषद सदस्य रत्न घोष ने भी घोषणा की है कि वह भाजपा में सभी पदों से इस्तीफा देंगे. चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए घोष ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी की इच्छा जताते हुए दावा किया है कि वह भगवा पार्टी के आदर्शों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

इसी तरह, भाजपा नेता और नोआपाड़ा के पूर्व विधायक सुनील सिंह जो पार्टी सांसद अर्जुन सिंह के रिश्तेदार भी हैं, ने कहा कि रॉय के जाने से राज्य में भगवा खेमा प्रभावित होगा. हालांकि सुनील सिंह ने भाजपा छोड़ने की किसी भी संभावना से इनकार किया है. चुनाव से पहले भगवा खेमे में शामिल होने वाले नाताबारी विधायक मिहिर गोस्वामी ने टीएमसी में जाने की कतार लगा रहे दल बदलुओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग राजनीति को एक व्यवसाय के रूप में देखते हैं, वे बार-बार दल बदल सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस तरह के पलायन से उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ें- West Bengal: बीजेपी नेता राजीव बनर्जी ने टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के कोलकाता निवास स्थान पहुंचे, आज उनकी मां का हुआ है निधन

उन्होंने कहा, “कुछ नेता ऐसे भी हैं जो सत्ता के केंद्र से दूर नहीं रह सकते हैं। ये वही लोग हैं जो इस उम्मीद में भाजपा में शामिल हुए कि वह सत्ता में आएगी." इस बीच, बारासात से टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है कि वह ऐसी सभी अपीलों पर विचार करेगा या नहीं.

शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें वापस नहीं लौटने दिया जाएगा. विधानसभा में भाजपा की हार के बाद टीएमसी के कई दल बदलुओं ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से उन्हें पार्टी में वापस लेने की अपील की है. इनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा व दिपेंदु बिस्वास शामिल हैं.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\