देश की खबरें | कोविड-19 के नए दिशा-निर्देशों में फिलहाल कोई राहत संभव नहीं: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री

बेंगलुरु, तीन अप्रैल कर्नाटक में कई क्षेत्रों के दबाव बनाए जाने के बावजूद सरकार द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों में कोई छूट नहीं दिए जाने का संकेत देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने शनिवार को कहा कि स्थिति को काबू से बाहर जाने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाया जाना अपरिहार्य था।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों वाली तकनीकी सलाहकार समिति के परामर्श पर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और स्थिति की समीक्षा के बाद अगर चीजें 20 अप्रैल तक नियंत्रण में रहती हैं तो फिर से गतिविधियों को बहाल कर दिया जाएगा।

सुधाकर ने कहा, ‘‘ सरकार गतिविधियों पर रोक लगाकर खुश नहीं है। मैं पिछले एक महीने से मीडिया के जरिए आग्रह कर रहा हूं कि दूसरी लहर हमारे दरवाजे पर है तथा अगर हम इसकी गंभीरता को नहीं समझते हैं और एहतियातों का पालन नहीं करेंगे तो सरकार के पास कोई विकल्प नहीं होगा और कड़े कदम उठाने होंगे।’’

यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद कारोबारी गतिविधियां बहाल करनेवाला कर्नाटक पहला राज्य था, लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि एक-एक दिन में करीब 5,000 मामले आ रहे हैं और उनमें से अकेले बेंगलुरु से 3,500 मामले मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ तकनीकी सलाहकार समिति ने कहा कि यह लहर अगले दो महीने तक यानी मई अंत तक के लिए है और मामले जून के पहले सप्ताह से कम होने शुरू हो जाएंगे। अगर हम कदम नहीं उठाते हैं और अप्रिय चीजें होती हैं तो क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं होगी?’’

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने कुछ जिलों में नए दिशानिर्देश जारी करते हुए व्यायामशालाओं, तरणतालों को बंद करने तथा सिनेमाघरों को सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ चलाने समेत कई अन्य आदेश दिए हैं। ये नए कदम 20 अप्रैल तक प्रभावी रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ कई क्षेत्रों के लोग कह रहे हैं कि उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें इसकी इजाजत मिलनी चाहिए। हां, हम (सरकार) भी इसे समझते हैं लेकिन स्थिति को नियंत्रण से बाहर नहीं होने दिया जा सकता है इसलिए कुछ निश्चित कदम उठाने जरूरी थे। हम सभी से सहयोग की अपील करते हैं।’’

कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मिलने का फैसला किया है ताकि सिनेमाघरों को दर्शकों की 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित करने के निर्णय के इस उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव से उन्हें अवगत कराया जाए। साथ ही उनसे राहत की मांग की जाए ताकि इस दौरान प्रदर्शित होने वाली फिल्मों पर इस फैसले का प्रभाव नहीं पड़े।

वहीं, व्यायामशालाओं के मालिकों ने भी सरकार को इस पर विचार करने या 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालन करने की अनुमति देने या फिर पैकेज घोषित किये जाने की मांग की ताकि वे अपने कर्मचारियों का भुगतान कर सकें या उसका रखरखाव में इस्तेमाल कर सकें।

मंत्री ने कहा कि कुछ निजी विद्यालय भी संचालन बहाल करने पर जोर डाल रहे हैं। इसी तरह की मांग व्यायामशालाओं,तरणतालों और क्लब के मालिकों ने भी की है। उन्होंने कहा कि लोग बड़े जमावड़े में शादी समारोह का आयोजन भी करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि ये कदम स्थायी नहीं है, कुछ दिनों के लिए इसका पालन करें। इसके जरिए चीजों को नियंत्रण में करने की कोशिश की जा सकती है।

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