डंपिंग रोधी जांच के लिये कागजी रूप में आवेदन देने की जरूरत नहीं: डीजीटीआर

महानिदेशालय ने एक नोटिस में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए जांच प्रक्रिया में अस्थायी बदलाव की जरूरत है ताकि जो पक्ष जांच चाहता है, उसके लिये चीजें आसान हो।

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नयी दिल्ली, 12 अप्रैल वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाला व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने कहा है कि डंपिंग रोधी या रक्षोपाय या प्रतिपूरक शुल्क की जांच के लिये आवेदनकर्ता को भौतिक रूप से आवेदन देने की जरूरत नहीं है।

महानिदेशालय ने एक नोटिस में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए जांच प्रक्रिया में अस्थायी बदलाव की जरूरत है ताकि जो पक्ष जांच चाहता है, उसके लिये चीजें आसान हो।

इसमें कहा गया है कि अस्थायी उपाय के तहत आवेदन या उसके समर्थन में दस्तावेज कागजी रूप में देने की जरूरत नहीं है।

नोटिस के अनुसार आवेदन जरूरी दस्तावेज हस्ताक्षर के साथ स्कैन कर ई-मेल ‘एडी11-डीजीटीआर एटजीओवी डाट इन (ad11-dgtr@gov.in) पर भेजे जा सकते हैं।

मौजूदा जांच के लिये अपना पक्ष रखने को लेकर डीजीटीआर ने कहा कि संबद्ध पक्ष प्रश्नावली प्रारूप में जवाब दे और अन्य जानकारी ई-मेल के जरिये दे सकते हैं।

मौखिक सुनवाई /परामर्श वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी।

यह नोटिस 30 जून तक के लिये वैध है।

इससे पहले, डीजीटीआर ने घरेलू कंपनियों द्वारा डंपिंग रोधी आवेदन देने को लेकर ऑनलाइन प्रणाली...एआरटीआईएस...व्यवस्था शुरू की थी।

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