भुवनेश्वर, 30 नवंबर ओडिशा के मलकानगिरी और कोरापुट जिलों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैनाती के कारण पिछले तीन वर्ष में माओवादियों की किसी गतिविधि की सूचना नहीं है। यह टिप्पणी बीएसएफ के महानिरीक्षक (ओडिशा) डीके शर्मा ने बृहस्पतिवार को की।
बीएसएफ के 59वें स्थापना दिवस से एक दिन पहले पत्रकारों से बातचीत में शर्मा ने कहा कि 2010 में हिंसा की घटनाओं के बाद माओवाद प्रभावित दो जिलों में बल की पांच बटालियन तैनात की गई थीं। उन्होंने कहा कि बल को रायगढा और नबरंगपुर जिलों में भी तैनात किया गया था।
महानिरीक्षक (आईजी) ने कहा कि जनवरी 2023 में रायगढा इकाई को कंधमाल स्थानांतरित कर दिया गया था और तब से, क्षेत्र में किसी भी नक्सली गतिविधि की सूचना नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, "वर्तमान में, कालाहांडी, नुआपाड़ा और बौध जिलों से माओवादी गतिविधियों की सूचना मिल रही है। इन जिलों में, चरमपंथी बहुत छोटे समूहों में चलते हैं और जब भी बल उनके ठिकानों पर छापा मारता है, तो वे दूरदराज के इलाकों में भाग जाते हैं।"
शर्मा ने कहा कि बल विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की सहायता भी कर रहा है।
राज्य में तैनाती के बाद से बीएसएफ ने ओडिशा पुलिस की मदद से 65 माओवादियों को ढेर कर दिया है और 793 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
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