Sanjay Raut and Devendra Fadnavis Meeting: संजय राउत से मुलाकात पर बोलें पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना से हाथ मिलाने का कोई इरादा नहीं
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, (फोटो क्रेडिट्स: ANI ट्विट्टर)

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को कहा कि शिवसेना से हाथ मिलाने या राज्य में उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन सरकार गिराने का भाजपा का कोई इरादा नहीं है. फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि राज्य के लोग शिवसेना नीत ‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ सरकार के कामकाज से नाखुश हैं और यह ‘अपनी अकर्मण्यता के चलते गिर जाएगी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि शनिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत से उनकी मुलाकात हुई, जिसने राजनीतिक गलियारों में अटकलों को हवा दे दी, जबकि यह मुलाकात शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के लिये एक साक्षात्कार के सिलसिले में थी. गौरतलब है कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर शिवसेना ने भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया था.यह भी पढ़े | Bihar Assembly Elections 2020: पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय की राजनीतिक पारी शुरू, JDU में हुए शामिल.

इसके बाद उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिये राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया था. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा, ‘‘शिवसेना से हाथ मिलाने या (राज्य में) सरकार गिराने का हमारा कोई इरादा नहीं है। जब यह खुद ब खुद गिरेगी, तब हम देखेंगे. उन्होंने कहा कि राउत के साथ उनकी मुलाकात के कोई राजनीतिक निहितार्थ नहीं हैं. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे ‘सामना’ के लिये एक साक्षात्कार देने को कहा, जिस पर मैं राजी हो गया. लेकिन मैंने अपनी शर्तें भी रखी थी--जैसे कि साक्षात्कार असंपादित रहना चाहिए और साक्षात्कार के दौरान मुझे अपना कैमरा रखने दिया जाए.

इस बीच, राउत ने भी यहां अलग से संवादाताओं से बात की. शिवसेना नेता ने कहा कि वह और फडणवीस दुश्मन नहीं हैं और मुख्यमंत्री ठाकरे इस मुलाकात से अवगत थे, जो साक्षात्कार के कार्यक्रम पर चर्चा के लिये पूर्व नियोजित थी. हालांकि, कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने राउत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें सुर्खियों में आने की जल्दबाजी रहती है. मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा, ‘‘जब यह होता है तब राजनीतिक करियर खत्म हो जाता है। यह राउत के लिये मेरी बददुआ नहीं है लेकिन यह एक हकीकत है.

पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई कांग्रेस प्रमुख पद से हटा दिये जाने के बाद से नाराज चल रहे निरूपम ने कहा कि यदि पार्टी (कांग्रेस) हाल ही में संसद में पारित कृषि विधेयकों का विरोध करने के बारे में गंभीर है, तो उसे पहले महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना से अपना रुख स्पष्ट करने को कहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा का कहना है कि वे महाराष्ट्र में इस नये विधान को लागू नहीं होने देंगे, जबकि मुख्यमंत्री ठाकरे ने इसपर एक शब्द नहीं बोला है.

निरूपम ने कहा, ‘‘शिवसेना ने लोकसभा में कृषि विधेयकों का समर्थन किया, जबकि राज्यसभा से वह उस वक्त वाकआऊट कर गई जब उच्च सदन में अन्य विपक्षी दल इस पर मतविभाजन कराये जाने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के रुख को लेकर राज्य में किसान भ्रम की स्थिति में हैं।

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