देश की खबरें | मेरा अपमान करने के लिए पारस पर राजी हुए नीतीश, जदयू के हितों की अनदेखी की- चिराग

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सिर्फ एक सीट के लिए समझौता कर अपनी पार्टी जदयू में भारी असंतोष पैदा कर दिया है।

बेगूसराय, आठ जुलाई लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में सिर्फ एक सीट के लिए समझौता कर अपनी पार्टी जदयू में भारी असंतोष पैदा कर दिया है।

लोजपा के दिवंगत संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग अपनी राज्यव्यापी ‘‘आशीर्वाद यात्रा’’ के क्रम बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी दावा किया, ‘‘ नीतीश उनके बागी चाचा पशुपति कुमार पारस के लिए एक सीट छोड़ने के लिए सहमत हो गए जिसका उनका एकमात्र उद्देश्य मुझे नीचा दिखाना था।’’

जमुई के सांसद चिराग ने कटाक्ष किया, ‘‘क्या मुझ जैसे किसी व्यक्ति के लिए इससे कोई बड़ी उपलब्धि हो सकती है, जो उनके सामने एक बच्चा है और जिसकी उम्र नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर से कम है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के बेहद करीबी कहे जाने वाले जिन नेताओं ने उनकी पार्टी को तोड़ने का काम किया, नीतीश ने उन्हें भी नहीं बख्सा।

चिराग ने नीतीश पर प्रदेश के सवर्ण मतदाताओं की कोई कद्र नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बुधवार को हुए केंद्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार में उन्होंने अपने एक करीबी सवर्ण सांसद के मंत्री बनने में रोड़ा अटका दिया तथा पारस को मंत्री बनाने के लिए अपने उक्त सांसद की बलि चढ़ा दी।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में बहुत जल्द मध्यावधि चुनाव होगा और इसकी नीव नीतीश कुमार ने खुद डाल दी है।

चिराग ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश को अस्वीकार्य बताते हुए दावा किया था कि राज्य के लोग नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं ।

नीतीश का विरोध कर रहे चिराग ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के खिलाफ हालांकि अपने उम्मीदवार उतारे थे पर वह भाजपा के प्रति वफादार बने रहे थे जिसके परिणामस्वरूप जदयू को भारी नुकसान उठाना पडा था और वह 45 से कम सीटों पर सिमट गया था। भाजपा राजग में सबसे बडी पार्टी के तौर पर उभरकर सामने आयी थी ।

भाजपा ने अपने चुनाव पूर्व घोषणा के तहत नीतीश को मुख्यमंत्री बनाए रखा था पर इस चुनाव के बाद जदयू और लोजपा के बीच संबंधों में खटास और भी बढ गयी थी ।

लोजपा के इकलौते विधायक राज कुमार सिंह ने जदयू के महेश्वर हजारी को सदन में उपाध्यक्ष चुने जाने के समय समर्थन किया। इस पर लोजपा ने सिंह को फटकारा । बाद में सिंह जदयू में शामिल हो गए।

पारस द्वारा लोजपा के चार अन्य सांसदों के साथ एक राजनीतिक तख्तापलट में चिराग को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से अपदस्थ किए जाने पर चिराग समर्थकों ने नीतीश और उनकी पार्टी जदयू पर अपनी पार्टी में टूट के लिए जिम्मेवार होने का आरोप लगाया था ।

अनवर

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