वर्षों से अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश नाइजीरिया प्रमुख रूप से तेल पर निर्भर था लेकिन अब उसने खनन उद्योग में भी पांव पसार दिए हैं. वह लीथियम के फलतेफूलते वैश्विक बाजार पर अपनी पकड़ बनाना चाहता है.विदेशी खनन कंपनियों की होड़ को देखते हुए, नाइजीरिया देशव्यापी स्तर पर लीथियम की खदानों को लेकर नियमों को सख्त बना रहा है. सरकार का कहना है कि नाइजीरिया में प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग प्लांट लगाए बिना कोई भी कंपनी ना तो लीथियम की खुदाई नहीं कर सकती है और ना ही उसका निर्यात.
नाइजीरिया के सॉलिड मटीरियल विभाग के मंत्री डेले अलाके ने डीडब्ल्यू को बताया कि सरकार "मूल्य संवर्धन के बगैर अपने ठोस पदार्थों को देश से बाहर ले जाने की गतिविधियों को हतोत्साहित करने के लिए जो भी संभव होगा, करेगी."
लीथियम खनिज की भारी मांग है. उसका इस्तेमाल रिचार्ज होने वाली बैटरियों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन में किया जाता है. अपने यहां लीथियम के विशाल भंडारों का पता चलने के बाद, अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश, नाइजीरिया लीथियम के अरबों डॉलर वाले वैश्विक बाजार में मुनाफा कमाना चाहता है.
फिलहाल लीथियम की खुदाई नसारवा, कोगी, क्वारा, इकिति और क्रॉस रिवर प्रांतों में की जा रही है. लीथियम की खुदाई अफ्रीका के सबसे बड़े उत्पादक देश जिम्बाव्वे के अलावा नामीबिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, माली और घाना में भी की जा रही है.
खनिज से स्थानीय स्तर पर कमाई
मंत्री अलाके कहते हैं कि, "मैं इस तथ्य पर जोर देना चाहता हूं कि नाइजीरिया से कच्चे ठोस खनिजों को निर्यात करने का दौर अब नहीं रहा. कोई कंपनी ठोस खनिज के सेक्टर में निवेश के लिए देश में आना चाहती है तो उसे स्थानीय मूल्य चुकाना होगा." लाइसेंस हासिल करने की नयी शर्तों के तहत खनन कंपनियों को पहले स्थानीय समुदायों के लिए लाभकारी अपना बिजनेस प्लान बताना होगा.
अलाके कहते हैं कि रोजगार सृजन के लिए ये कदम बहुत अहम है. "मुझे ये बताते हुए खुशी है कि ये अभियान अमल में आ चुका है, कुछ कंपनियां नाइजीरिया में अपने ऑपरेशन शुरू भी कर चुकी हैं." चीनकी कंपनी गानफेंग लीथियम इंडस्ट्री लिमिटेज, मध्य नसारवा प्रांत में एक लीथियम प्रोसेसिंग प्लांट लगा रही है. यहां रोजाना करीब 18,000 टन लीथियम को प्रोसेस किया जाएगा. और उससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बैटरियां बनाई जाएंगी. सरकार का कहना है कि इच्छित किस्म के निवेश का ये एक उदाहरण है.
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नाइजीरिया, अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है. वह सोना, चूना और जिंक के लिहाज से भी संपन्न है लेकिन उसका खनन उद्योग ठीक से विकसित नहीं हो पाया है. देश के सकल घरेलू उत्पाद में उसका योगदान 1 फीसदी से भी कम है.
तेल पर कम होती निर्भरता
सरकार देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाना चाहती है, और इसीलिए तेल पर अत्यधिक निर्भरता को घटा रही है. हालांकि नाइजीरियाई अधिकारियों का ध्यान सिर्फ लीथियम से हासिल होने वाला राजस्व पर नहीं है. उनका कहना है कि वे ये भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लीथियम का खनन, पर्यावरण के लिए नुकसानदेह ना बने.
उन्होंने चीन समेत तमाम विदेशी कंपनियों को पहले ही आगाह कर दिया है कि वे लीथियम के अवैध खनन में हाथ डालने से परहेज करें. इसके बावजूद सरकार को पूरे नाइजीरिया में दूसरे कुछ खनिजों के अवैध खनन के दुष्प्रभावों को नजरअंदाज करने का जिम्मेदार माना जाता रहा है.
देश के खनन संघ का कहना है कि सरकार को पर्यावरण को बर्बाद करने वाले अवैध खनन को सख्ती से खत्म करा देना चाहिए. नाइजीरिया के माइनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डेले अन्योलेके ने डीडब्ल्यू को बताया कि नई खोजी सामग्रियों के खनन से जुड़े सेहत और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर हमेशा तवज्जो नही दी जाती. इसके अलावा "जब भी कोई नया खनिज मिलता है, ये तमाम मजदूर, खनिक उस जगह टूट पड़ते हैं. उन्हें खोदना नहीं पड़ता, ना ही विस्फोट करना पड़ता है." वो कहते हैं कि सरकारी एजेंसिया अक्सर ऐसी गतिविधियों को बंद कराने में नाकाम रह जाती हैं.
पर्यावरण की हिफाजत
कुछ पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, बेकाबू खनन से पर्यावरण का नुकसान होता है जिसके नतीजे आबादी के लिए बहुत खराब होते हैं. अबूजा में भूगर्भीय सलाहकार नफीसातु मोहम्मद सानी ने डीडब्ल्यू को बताया, "खनन के दौरान आपको पर्यावरण की हिफाजत करनी होती है. हम पर्यावरण को कैसे बचाएंगे? खनन को टिकाऊ बनाने के पांच तरीके हैं- कम असर डालने वाली खनन तकनीकें अपनाई जाएं, खनन से जुड़े कचरे का दोबारा इस्तेमाल हो, इको-फ्रेंडली उपकरण लगाए जाएं, खनन स्थल में पुनर्वास किया जाए, और अवैध खनन ठिकानों को बंद कर दिया जाए."
सॉलिड मटीरियल विभाग के मंत्री अलाके का कहना है कि खनन उद्योग को आधुनिक बनाया जा रहा है और सरकार, नेशनल इंटीग्रेटड मिनरल एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट (एनआईएमईपी) के जरिए खनन सेक्टर पर डाटा तैयार करने के लिए साल की अवधि में 19.6 मिलियन 1.86 करोड़ यूरो का निवेश कर रही है.
नाइजीरिया खनन सप्ताह मनाने के दौरान पिछले दिनों अलाके ने कार्यक्रम में कहा, "इस प्रोजेक्ट की शुरुआती रिपोर्टों में बहुत बड़े पैमाने पर लीथियम के भंडारों का पता चला है जिसने नाइजीरिया को दुनिया के लीथियम संपन्न देशों के नक्शे पर ला दिया है." नाइजीरियाई सरकार का कहना है कि जिस तरह तेल गतिविधियों से पर्यावरण बर्बाद हुआ, वैसी घटनाएं तेल संपन्न नाइजर क्षेत्र में दुहराई ना जाएं, इसलिए लीथिमय खनन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है.