देश की खबरें | यूरोप के मध्य युग की याद दिलाता है नया कश्मीर : पीडीपी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि अगस्त 2019 में संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के तीन साल बाद भी जम्मू-कश्मीर में केंद्र के "दमनकारी और दंडात्मक" कदमों का अंत नहीं दिख रहा है।

श्रीनगर, तीन अक्टूबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सोमवार को आरोप लगाया कि अगस्त 2019 में संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के तीन साल बाद भी जम्मू-कश्मीर में केंद्र के "दमनकारी और दंडात्मक" कदमों का अंत नहीं दिख रहा है।

पार्टी ने सोमवार को जारी अपने मासिक समाचार पत्र 'स्पीक अप' के अक्टूबर अंक में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के उपयोग और "कश्मीर के बागवानी उद्योग के खिलाफ कथित युद्ध" सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार पर निशाना साधा।

पार्टी ने आरोप लगाया कि जामिया मस्जिद को बंद करने तथा कश्मीरी स्कूली बच्चों को भजन गाने के लिए मजबूर करने के बाद, "वे अब हमारे धार्मिक विद्वानों को निशाना बना रहे हैं तथा उनके खिलाफ भारत सरकार के पसंदीदा कठोर पीएसए का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

पीडीपी ने फलों से ट्रकों के श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसने के हालिया मुद्दे का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि "कश्मीर के बागवानी उद्योग के खिलाफ केंद्र का युद्ध दमनकारी और दंडात्मक कदमों ’’ का एक बेहतरीन उदाहरण है जहां "हमारे सभी फलों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।"

पार्टी ने कहा, "स्वाभाविक रूप से, अपने पिछले कदमों की तरह उन्होंने कश्मीरी फल उत्पादकों की समस्याओं से आंखें मूंद ली हैं। ईरानी सेब के आयात के कारण कश्मीरी सेब की कीमतें घटकर 20 रुपये तक हो गई हैं और हमारे फल फंसे हुए ट्रकों में सड़ रहे हैं।’’

पार्टी ने दावा किया कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नया कश्मीर यूरोप के मध्य युग की याद दिलाता है जब कैथोलिक चर्च नया यूरोप बना रहा था। पार्टी ने कहा, "आधी रात को घरों पर छापा मारे जाते और लोगों को यातना देने के लिए उनका अपहरण कर लिया जाता ताकि चर्च उनकी जमीन और उनकी संपत्ति पर कब्जा कर सके।’’

पीडीपी ने कहा, ‘‘हमारे अपने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), एसआईए और एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) की तरह। इतिहास खुद को दोहराता है और जब हम मध्य युग से काफी दूर आ गए हैं, भारत सरकार के कदम इस कहावत के प्रमाण हैं कि जितनी अधिक चीजें बदलती हैं, उतनी ही वे बनी रहती हैं।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\