काठमांडू, दो जुलाई नेपाल के दो सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ को सत्ता से बेदखल कर राजनीतिक रूप से कमजोर इस हिमालयी देश में एक नयी ‘राष्ट्रीय सरकार’ बनाने के वास्ते आधी रात को एक समझौता किया। मीडिया में आयी खबरों में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी।
‘मायरिपब्लिका’ समाचार पोर्टल ने बताया कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) अध्यक्ष तथा पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने सोमवार मध्यरात्रि को समझौते पर हस्ताक्षर किए और मंगलवार को इसकी सार्वजनिक घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार के अनुसार, देउबा (78) और ओली (72) ने दोनों दलों के बीच संभावित नए राजनीतिक गठबंधन की जमीन तैयार करने के लिए शनिवार को भी मुलाकात की थी जिसके बाद ओली की सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से रिश्ता खत्म कर लिया। उसने महज चार महीने पहले ही इस सरकार को अपना समर्थन दिया था।
खबर में दोनों दलों के कई वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा गया है कि दोनों नेता नयी सरकार बनाने, संविधान में संशोधन करने और सत्ता बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए।
खबर में नेपाली कांग्रेस के एक नेता के हवाले से कहा गया है कि समझौते के तहत ओली डेढ़ साल तक नयी ‘राष्ट्रीय सर्वसम्मति वाली सरकार’ का नेतृत्व करेंगे। बाकी के कार्यकाल के लिए देउबा प्रधानमंत्री रहेंगे।
नेपाल में पिछले 16 साल में 13 सरकारें बनी हैं जिससे इस हिमालयी देश की राजनीतिक प्रणाली की कमजोरी जाहिर होती है।
खबर में कहा गया है कि ओली के कार्यकाल के दौरान सीपीएन-यूएमएल के पास प्रधानमंत्री के पद और वित्त मंत्रालय समेत कई मंत्रालयों का नियंत्रण रहेगा। इसी तरह, नेपाली कांग्रेस के पास गृह मंत्रालय समेत 10 मंत्रालय रहेंगे।
समझौते के अनुसार, सीपीएन-यूएमएल कोशी, लुम्बिनी और करनाली प्रांतों में प्रांतीय सरकारों का नेतृत्व करेगी तथा नेपाली कांग्रेस बागमती, गंडकी और सुदूर पश्चिम प्रांतों में प्रांतीय सरकारों का नेतृत्व करेगी।
ओली और देउबा मधेस प्रांत का नेतृत्व करने में मधेस आधारित दलों को शामिल करने तथा संवैधानिक संशोधन करने पर भी राजी हुए।
खबर में कहा गया है कि इस समझौते का मसौदा चार सदस्यीय कार्य बल ने तैयार किया है।
सीपीएन-यूएमएल के एक मंत्री ने बताया कि इस समझौते को मंगलवार तक सार्वजनिक किया जाएगा और ओली आज ही प्रधानमंत्री पद पर दावा जताएंगे।
ओली और प्रधानमंत्री प्रचंड के बीच मतभेद तेजी से बढ़े हैं और ओली वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा हाल में किए गए बजट आवंटन से भी नाखुश हैं जिसके बारे में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बोला था।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि देउबा और ओली के बीच बंद कमरे में हुई बैठक से चिंतित प्रचंड यह आश्वासन देने के लिए ओली से मिलने गए थे कि सरकार सीपीएन-यूएमएल द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने को लेकर गंभीर है।
खबर में कहा गया है कि सोमवार को सुबह हुई बैठक के दौरान ओली ने प्रचंड से इस्तीफा देने की स्थिति में उनका समर्थन करने का अनुरोध किया।
सीपीएन-यूएमएल के एक नेता के हवाले से खबर में कहा गया है कि प्रचंड ने ओली को मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन में प्रधानमंत्री पद की पेशकश की जिसे ओली ने ठुकरा दिया।
नेपाल के 275 सदस्यीय सदन में नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 तथा सीपीएन-माओवादी केंद्र के पास 32 सीटें हैं।
प्रचंड ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत का सामना किया है।
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