माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है। यहां जहां-तहां तंबू, चढ़ाई में काम आने वाले बेकार हो चुके उपकरण, गैस के खाली कनस्तर और मानव मल बिखरा पड़ा है।
कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों ने पिछले महीने सभी पर्वतारोहियों को दी गई मंजूरी निलंबित कर दी थी जिसके कारण नेपाल की सेना को एवरेस्ट समेत छह पर्वतों की सफाई की अपनी योजना रद्द करना पड़ी थी।
नेपाल पर्यटन विभाग के प्रमुख दांडूराज घिमिरे ने कहा, ‘‘इस वक्त यह संभव नहीं है।’’
पर्वतारोहण से जुड़े संगठनों का कहना है कि एवरेस्ट की सफाई के लिए यह एक अच्छा अवसर है।
नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के प्रमुख सांता बीर लामा ने कहा कि सरकार को नेपाली दल को पहाड़ की सफाई की इजाजत देना चाहिए। वहां से कूड़ा-करकट तो साफ होगा ही, इससे उन शेरपाओं को रोजगार भी मिलेगा जो इस मौसम में कमाई नहीं कर पाए हैं।’’
पिछले वर्ष 14 लोगों के एक दल ने छह हफ्ते में पर्वत का छोटा सा हिस्सा साफ किया था और वहां से चार शव और 10 टन से अधिक प्लास्टिक हटाया था।
एएफपी
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)